Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और देशभर के प्रमुख साधु- संत वैश्विक एकात्मता का महायज्ञ में होंगे शामिल

23
Tour And Travels

आचार्य शंकर प्रकटोत्सव – एकात्म पर्व ओंकारेश्वर में सोमवार से : राज्य मंत्री लोधी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव और देशभर के प्रमुख साधु- संत वैश्विक एकात्मता का महायज्ञ में होंगे शामिल

एकात्म पर्व का उद्देश्य भारत के प्राचीन सनातन ज्ञान और अद्वैत वेदान्त की सार्वभौमिक चेतना को जन-जन तक पहुँचाना
ओंकारेश्वर में 28 अप्रैल से 2 मई तक “एकात्म पर्व” का आयोजन

भोपाल

जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के जन्मोत्सव पर "आचार्य शंकर प्रकटोत्सव – एकात्म पर्व" का भव्य आयोजन 28 अप्रैल से 2 मई 2025 तक पवित्र तीर्थ ओंकारेश्वर एकात्म धाम परिसर में आयोजित होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में "एकात्म पर्व" को एक दिव्य, सांस्कृतिक और बौद्धिक महाकुंभ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी ने जानकारी देते हुए बताया कि  "एकात्म पर्व" का उद्देश्य भारत के प्राचीन सनातन ज्ञान और अद्वैत वेदान्त की सार्वभौमिक चेतना को जन-जन तक पहुँचाना तथा विश्वबंधुत्व एवं एकात्मता की भावना को पुनः जागृत करना है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं, साधकों और संस्कृति प्रेमियों को इस अद्वितीय पर्व में भाग लेने के लिए सादर आमंत्रित किया हैं।

एकात्म पर्व का शुभारंम 28 अप्रैल सोमवार को सुबह 7 बजे महर्षि सांदीपनि वेद विद्यापीठ एवं आर्ट ऑफ लिविंग गुरुकुल के आचार्यों द्वारा वैदिक अनुष्ठान से होगा। इसके बाद शोभा यात्रा नर्मदा के अभय घाट से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए पुनः अभय घाट पर संपन्न होगी। आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित पावन पर्व के दौरान ओंकारेश्वर में विविध प्रकार के आयोजनों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इसमें आचार्य शंकर के स्तोत्रों का गायन, वैदिक अनुष्ठान, शोभायात्रा, अद्वैत शारदा पुस्तकालय, अद्वैत लोक प्रदर्शनी और वेदांत-विज्ञान विषयक परिचर्चाएँ प्रमुख रहेंगी। आयोजन में अनेक संत-संन्यासियों की उपस्थिति होगी। इसमें जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, इस्कॉन के गौरांग दास प्रभु, अखण्ड परम धाम के स्वामी परमानंद गिरि, स्वामी विदितात्मानंद सरस्वती, स्वामी मिथलेश नंदनी शरण, स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी, और माँ पूर्णप्रज्ञा सम्मिलित हैं।

एकात्म धाम ओंकारेश्वर में विभिन्न सत्रों में चिंतक मुकुल कानिटकर, लेखक नीलेश नीलकंठ ओक, प्रो. गौरी माहुलिकर, प्रो. पंकज जोशी, प्रो. रामनाथ झा, कैप्टन प्रवीण चतुर्वेदी, मृत्युंजय गुहा मजूमदार और विशाल चौरसिया जैसे प्रमुख वक्ता भाग लेंगे। 1 मई को विशेष सत्र “रील टू रियल: अवेकनिंग वननेस थ्रू स्टोरी टेलिंग” का आयोजन किया जाएगा, जिसमें गौरांग दास प्रभु, कैप्टन प्रवीण चतुर्वेदी और विशाल चौरसिया संवाद करेंगे।

प्रकटोत्सव में मुख्यमंत्री डॉ.यादव होंगे शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रकटोत्सव में शामिल होंगे। पर्व के अंतिम दिन 2 मई को आचार्य शंकर प्रकटोत्सव के अवसर पर 500 शंकरदूतों का दीक्षा संस्कार अभय घाट पर संतों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा। समापन दिवस पर प्रातःकाल विद्वानों का अलंकरण किया जाएगा। सायं 5 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी तथा नर्मदा टट पर 10,000 दीपों का प्रज्ज्वलित कर नर्मदा आरती की जाएगी। ओंकारेश्वर में आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास एवं संस्कृति विभाग, म.प्र. शासन द्वारा एकात्म धाम प्रकल्प के अंतर्गत 108 फीट ऊँची “एकात्मता की मूर्ति” का निर्माण किया जा चुका है तथा अद्वैत लोक संग्रहालय एवं अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

आकर्षण का केन्द्र बनेगा गायन एवं नृत्य

पाँच दिवसीय एकात्म पर्व के अंतर्गत “शंकर संगीत” नामक सांगीतिक प्रस्तुति श्रृंखला आयोजित की जाएगी। इसमें आचार्य शंकर के स्तोत्रों व अद्वैत वेदांत पर आधारित रचनाएँ प्रस्तुत की जाएँगी। इस श्रृंखला में माधवी मधुकर झा, जयतीर्थ मेवुंडी, लोकमाता विद्याशंकर, और सुधा रघुरामन जैसे प्रसिद्ध कलाकारों की प्रस्तुतियाँ होंगी। 1 मई को शंकरदूतों द्वारा आचार्य शंकर विरचित स्तोत्रों का सामूहिक गायन किया जाएगा। 2 मई को प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना लता मुंशी द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।

अद्वैतामृतम् से लाभान्वित होंगे श्रोता

एकात्म पर्व के दौरान प्रतिदिन प्रातः 8:30 से प्रात: 10:30 व सायं 5:30 से 7:30 तक “अद्वैतामृतम” नामक विशेष वैदांतिक संवाद सत्रों का आयोजन किया जाएगा। 28 और 29 अप्रैल को माँ पूर्णप्रज्ञा “ओंकार” विषय पर उद्बोधन देंगी। 28 अप्रैल से 1 मई तक स्वामी प्रणव चैतन्य पुरी आचार्य शंकर के जीवन एवं दर्शन पर विशेष सत्र संचालित करेंगे। 29 और 30 अप्रैल को प्रो. गौरी माहुलिकर अपना उद्बोधन देंगी और मुकुल कानिटकर “अद्वैत वेदांत: प्राणमय कोष” विषय पर व्याख्यान देंगे।