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मुख्यमंत्री डॉ. इंदौर में 300 दिव्यांगजनों को बैटरीयुक्त ट्राईसिकल सहित अन्य सहायक उपकरण किये वितरित

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राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण और आत्म सम्मान की रक्षा के लिये पूरी तरह से है प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ.यादव

मुख्यमंत्री डॉ. इंदौर में 300 दिव्यांगजनों को बैटरीयुक्त ट्राईसिकल सहित अन्य सहायक उपकरण किये वितरित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये सरकार प्रतिबद्ध

इंदौर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने इंदौर में दिव्यांगजनों के हित में आयोजित एक गरिमामय समारोह में 300 दिव्यांगजनों को कुल 749 बैटरीयुक्त ट्रायसिकल सहित अन्य तरह के सहायक उपकरणों का वितरण किया। जिला प्रशासन की पहल पर आईडीबीआई बैंक के सामाजिक दायित्व कार्यक्रम तथा भारतीय रेडक्रास सोसाइटी के वित्तीय सहयोग से यह कार्यक्रम संपन्न हुआ।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांगजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारी सरकार उनका आत्मसम्मान बढ़ाने, उन्हें स्वावलंबी बनाने और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बैटरीयुक्त ट्राईसिकल  और सहायक उपकरणों से दिव्यांगजनों की गतिशीलता बढ़ेगी और वे अधिक स्वतंत्रता के साथ सुविधाजनक रूप से अपने कार्यों को सहजता से कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने निजी क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थानों से भी आह्वान किया कि वे दिव्यांगजनों को रोजगार उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दें जिससे कि वे समावेशी विकास का हिस्सा बनें। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के जीवन को आसान और सम्मानजनक बनाने के लिए भविष्य में भी अनेक योजनाएँ लेकर आएगी। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव,विधायक महेन्द्र हार्डिया, रमेश मेंदोला,  श्रीमती मालिनी गौड़ तथा मनोज पटेल,सुमित मिश्रा, सावन सोनकर और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

दिव्यांगजनों को मिली यह सहायता

 मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने इंदौर के 105 से अधिक दिव्यांगजनों को बैटरीयुक्त ट्राईसाइकिले नि:शुल्क प्रदान कीं। उन्होंने जिला प्रशासन, इंदौर द्वारा दिव्यांगजनों की निजी क्षेत्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए "दिव्यांग रोजगार पोर्टल" की भी शुरुआत की।   समारोह में 4 दिव्यांगजनों को निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित इकाइयों में नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में 300 दिव्यांगजनों को 70 लाख 50 हजार रुपये से अधिक लागत के 105 मोट्रेड ट्राईसिकल,41 सामान्य ट्राईसिकल, 44 व्हील चेयर,154 डिजिटल हियरिंग एड (कान की मशीन) तथा 405 दिव्यांगजनों को अन्य सहायक उपकरण वितरित किये गये।

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों का पुष्पवर्षा कर किया अभिनंदन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिव्यांगजनों का पुष्प वर्षा कर अभिनंदन किया। दिव्यांगजनों को जीवन सुरक्षा हेतु हेलमेट भी दिये गये। समारोह का माहौल अत्यंत भावुक और उत्साहपूर्ण रहा। दिव्यांगजनों के चेहरों पर प्रसन्नता और आत्मविश्वास झलक रहा था। आयोजन स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था और विशेष सुविधाओं की भी समुचित व्यवस्था की गई थी। तेज गर्मी को देखते हुये दिव्यांगजनों के लिये वातानुकूलित व्यवस्था भी की गयी थी। मुख्यमंत्री डॉ.यादव द्वारा ट्राईसिकल वितरण के समय कई दिव्यांगजन भावुक हो उठे और पूरे वातावरण में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो गया।

लाभार्थियों का है यह कहना

कार्यक्रम में बैटरीयुक्त ट्राईसिकल प्राप्त करने वाले  भागीरथपुरा के लक्ष्मण रावल ने कहा कि के एम.वाय.अस्पताल में सेवा भारती में कार्य करते है। उन्हें अपने घर से कार्य स्थल तक पहुंचने में बहुत परेशानी थी। अब यह बैटरीयुक्त ट्राईसिकल मिल गयी है। इससे बेहद सुविधा होगी। आने-जाने में कोई परेशानी नहीं होगी। समय भी बचेगा। बिजलपुर निवासी सुरेश काशीमा ने कहा कि मैं फूल माला बनाने का काम करता हूं। मुझे फूल माला बेचने के लिये जगह-जगह जाना पड़ता था। हाथ से चलने वाली ट्राईसिकल थी। परेशानी होती थी, अब आसानी होगी और अपनी फूल माला आसानी से दुकानों पर पहुँचा पाऊंगा। आमदनी बढ़ेगी। इसी तरह पंडिताई करने वाले श्रीधर जोशी ने कहा कि पहले छोटी दूरी तय करने में भी कठिनाई होती थी, अब ट्राईसिकल से स्वतंत्रता का अहसास हो रहा है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. यादव का दिल से धन्यवाद करता हूँ।

मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने 4 युवाओं को निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कम्पनी में नौकरी के लिये नियुक्ति-पत्र सौंपे। इनमें रविन्द्र खराड़ी, ज्योति कोहली, मीना बालोदिया और अंकित वर्मा शामिल हैं। इन्हें टॉयस एण्ड ट्रीट्स कम्पनी में नौकरी मिली है। रोजगार पत्र प्राप्त करने वाली सुमीना बालोदिया ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा,पहली बार महसूस हो रहा है कि हमारी क्षमताओं को पहचाना गया है। अब मैं अपने सपनों को पूरा करने के और करीब आ गई हूँ।