Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आचार संहिता केस में हाई कोर्ट से राहत, रोक बरकरार

29
Tour And Travels

झारखंड

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एके चौधरी की अदालत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद निर्धारित की है।

कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश बरकरार रखा। हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 2014 में चुनाव के दौरान वह अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने गए थे। उन्होंने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया था। उस दौरान उन पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले की सुनवाई पश्चिम सिंहभूम की निचली अदालत में चल रही है। प्रार्थी ने अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने व उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया है।

मामला दस साल पुराना है। एक दशक पुराने इस मामले में झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था। मामला कोर्ट में पहुंचा, जो आज एक दशक बाद भी चल रहा है। अब कोर्ट ने हेमंत सोरेन के खिलाफ किसी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख बता दी है। कोर्ट का कहना है कि इस मामला कि सुनवाई अब 56 दिनों के बाद होगी।

हेमंत सोरेन ने याचिका में क्या कहा
झारखंड हाई कोर्ट में दायर हेमंत सोरेन की याचिका में मांग की गई थी कि उन्हें इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया जाए। कोर्ट ने हेमंत सोरेन की मांग को स्वीकार करते हुए उन्हें 8 हफ्तों का समय दिया है। अब इस मामले की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में 8 हफ्तों के बाद होगी। हेमंत सोरेन ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है।