बिहार-बांका में मुख्यमंत्री नीतीश बोले-‘यूनिफार्म, सायकलें बांटीं और नियमित शिक्षकों की नियुक्ति की’
पटना.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बांका जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समाहरणालय सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। समीक्षात्मक बैठक में बांका जिले के जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिएपोशाक योजना की शुरुआत की गई। इसके बाद वर्ष 2008 में 9वीं कक्षा में पढनेवाली लड़कियोंके लिए साइकिल योजना शुरू की गई लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 सेउनके लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। बिहार में बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों कीबहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयासकिया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की भी बहाली की जा रही है, इसके साथ हीनियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों कोभी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहां पढ़ानेवाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूपवेतन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीजइलाज कराने आते थे। हमलोगों ने वर्ष 2006 से सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा एवंइलाज की सुविधा उपलब्ध कराई, जिसके कारण अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिमाहऔसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। आप सभी जनप्रतिनिधि इनबातों को याद रखिए और लोगों को भी बताइये। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकलकॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। इसके अलावा 14 मेडिकल कॉलेजों कानिर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रह रहा है। सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं।पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पुराने 6 मेडिकल कॉलेजों में से एक है, जिसे 5400 बेडका वर्ल्ड क्लास अस्पताल बनाया जा रहा है। इस देश में इतना बड़ा अस्पताल कहीं नहीं है।शेष 5 पुराने मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का भी विस्तार करते हुए 2500 बेड का कराया जारहा है। आई0जी0आई0एम0एस0 का भी विस्तार किया जा रहा है, यहां पर 3000 बेड औरसमुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। हमलोगों ने वर्ष 2015 से सात निश्चय योजना केमाध्यम से हर घर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय,हर घर तक बिजली का कनेक्शन जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 से नगरनिकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव होचुके हैं। बड़ी संख्या में महिलायें चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हरप्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षणदिया गया। अब बिहार के पुलिस बल में महिलाओं की संख्या अन्य राज्यों की तुलना में सबसेअधिक है। बिहार पुलिस में महिलाओं की जितनी संख्या है उतना देश के किसी भी अन्य राज्यके पुलिस बल में नहीं है। वर्ष 2016 से सभी सरकारी सेवाओं में हमलोगों ने महिलाओं को 35प्रतिशत आरक्षण देना शुरू किया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफीकम थी। वर्ष 2005 में जब हमलोगों की सरकार बिहार में बनी तो हम लोगों ने वर्ष 2006 मेंविष्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार मेंअब जीविका स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़35 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह का नाम जीविका समूह हमने ही दियाहै और उनसे जुड़ी महिलाओं को हमलोग जीविका दीदी कहते हैं। हमलोगों के इस काम सेप्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और इसका नाम पूरे देश मेंआजीविका किया। बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी अब हमलोगों ने जीविका समूहों का गठन शुरूकराया है। अब तक 34 हजार जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है, जिनसे 3लाख 80 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। हमलोग समाज के हर तबके के उत्थान केलिए काम करते हैं, किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं।