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रेप के आरोपी बिजनेसमैन की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया

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फिरोजपुर
रेप के आरोपी बिजनेसमैन की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया है। कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी और गृह सचिव से कहा है कि या तो फिरोजपुर के इस आरोपी बिजनेसमैन को गिरफ्तार करें। या फिर 11 फरवरी को कोर्ट में मौजूद रहें। बता दें कि यह बिजनेसमैन पिछले चार साल से फरार है और पुलिस उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। बिजनेसमैन वरिंदर पाल सिंह उर्फ वीपी सिंह उफ वीपी हांडा 10 अक्टूबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था। पंजाब राज्य महिला आयोग की दखल पर उसे फिरोजपुर में कुलगढ़ी पुलिस थाने में पकड़ा गया था। उसके ऊपर बलात्कार समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं। लेकिन उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

घोषित अपराधी
वरिंदर पाल सिंह की अग्रिम जमानत 28 अक्टूबर 2020 को सत्र न्यायालय फिरोजपुर द्वारा, 12 नवंबर 2020 को उच्च न्यायालय द्वारा और 5 फरवरी 2021 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा खारिज हो चुकी है। 24 मार्च 2022 को फिरोजपुर की अदालत ने उसको घोषित अपराधी डिक्लेयर कर दिया था। हालांकि, 15 नवंबर 2022 को उसने आत्मसमर्पण करने का वादा किया था। वरिंदर की इस याचिका पर सेशंस कोर्ट फिरोजपुर ने घोषित अपराधी वाले आदेश को रद्द कर दिया था। साथ ही उसे जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि उसने आत्मसमर्पण नहीं किया और फिर से घोषित अपराधी डिक्लेयर कर दिया गया। उसने जमानत सुरक्षित करने की भी कोशिश की, लेकिन 13 जनवरी 2023 को याचिका वापस ले ली गई।

वरिंदर के खिलाफ कई याचिकाओं पर 30 जनवरी को अदालत ने एक आदेश पारित किया। इनमें से एक याचिका में पीड़िता ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था। वहीं, कुछ अन्य याचिकाओं में विभिन्न आदेशों को चुनौती दी गई थी। इनमें से एक चुनौती संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया से भी संबंधित थी। हाई कोर्ट में हालिया जांच रिपोर्ट के मुताबिक वरिंदर के तीन बैंक अकाउंट सीज किए जा चुके हैं। इसके अलावा 28 जनवरी 2025 को लुधियाना के भुखरी कलां गांव में करीब 4 एकड़ जमीन भी जब्त की गई है।

छपवाई थी नोटिस
पुलिस ने 3 दिसंबर, 2024 को वरिंदर की फोटो के साथ नोटिस भी अखबारों में छपवाई थी, ताकि उसके बारे में पता चले। लेकिन उसको गिरफ्तार नहीं किया गया है। फिरोजपुर पुलिस के अनुसार, संभावित छिपने के स्थानों पर नियमित छापे मारे गए हैं। फिरोजपुर एसपी (जांच) की देखरेख में दो टीमें मामले की जांच कर रही हैं। अदालत ने पाया कि चार साल और चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। हर सुनवाई पर पुलिस द्वारा यही आश्वासन दिया जाता है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। कोर्ट ने आगे कहाकि 19 दिसंबर को एक समन्वय बेंच ने एसएसपी और डीआईजी, फिरोजपुर को बुलाया था। आदेश की एक प्रति डीजीपी को भी भेजी गई थी। लेकिन पुलिस अभी भी आरोपी को गिरफ्तार करने में विफल रही है।