चंडीगढ़.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को राज्य के नवनिर्वाचित पंचों से आह्वान किया कि वे अपने गांवों को ‘आधुनिक विकास केन्द्र’ में बदलने के लिए उत्प्रेरक की भूमिका निभाएं, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। संगरूर जिले के नवनिर्वाचित पंचों को पद की शपथ दिलाने से पहले उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों को अपने गांवों के विकास कार्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि राज्य सरकार इस पर काम शुरू करवा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंचायतों को गांवों के समग्र विकास के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने नवनिर्वाचित पंचों से कहा कि वे ऐसे नए कदम उठाएं, जिससे गांव को ‘विकास केन्द्र’ में बदला जा सके और ग्रामीणों की प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम पंचायतें लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव हैं और यह ऐतिहासिक क्षण है, जब निर्वाचित पंचों को उनके पद की शपथ दिलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इन पंचों को लोगों ने चुना है और आज राज्य के 19 जिलों में ऐसे समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लुधियाना में 8 नवंबर को आयोजित समारोह के दौरान राज्य भर से 10031 नवनिर्वाचित सरपंचों को शपथ दिलाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई नेता लोगों द्वारा चुना जाता है तो यह सौभाग्य की बात है क्योंकि इससे लोगों में सच्चाई और विश्वास का पता चलता है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जो लोगों ने इन नेताओं को दी है क्योंकि यह लोगों की बहुत बड़ी सेवा है। भगवंत सिंह मान ने नवनिर्वाचित पंचों को भरोसा दिलाया कि गांवों में विकास कार्य करवाने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण पुस्तकालय स्थापित कर रही है जो राज्य में विकास और समृद्धि का अग्रदूत साबित होंगे। उन्होंने कहा कि इस अग्रणी पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं में पढ़ने की आदत डालना है।
उन्होंने कहा कि गांवों को और अधिक पुस्तकालय स्थापित करने के लिए प्रस्ताव पारित करने चाहिए क्योंकि यह कदम युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में समान भागीदार बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये पुस्तकालय युवाओं की तकदीर बदलने में सहायक होंगे तथा नौकरशाह, वैज्ञानिक, डॉक्टर, टेक्नोक्रेट और अन्य लोगों को तैयार करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पुस्तकालयों को वाई-फाई, सौर ऊर्जा डिजिटल एनालॉग और अन्य जैसी उच्च स्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकालयों में समकालीन साहित्य और पाठ्यक्रम की विश्व स्तरीय पुस्तकें हैं, जो समृद्ध शिक्षण अनुभव प्रदान करती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये पुस्तकालय ज्ञान और साहित्य का सच्चा भंडार हैं। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए बहुत गर्व और संतोष की बात है कि इन अत्याधुनिक पुस्तकालयों में विभिन्न विषयों पर बहुमूल्य पुस्तकें हैं, जो पुस्तक प्रेमियों को आकर्षित करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जो व्यक्ति या पार्टी बहुमत प्राप्त करती है, वह विजेता होती है, लेकिन एक बार निर्वाचित पंचायतें पूरे गांव की होती हैं। उन्होंने कहा कि पंचों को गांव के प्रत्येक निवासी के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और निष्पक्ष रूप से निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि गांवों में गुटबाजी को खत्म करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि गांवों में व्यापक गुटबाजी के कारण कई काम ठप हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए रचनात्मक अभियान चलाकर राज्य के गांवों को बदलने में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त गांव तथा पंजाब बनाना सभी का परम कर्तव्य है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एक तरफ राज्य के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए तथा दूसरी तरफ प्रदूषण को रोकने के लिए यह जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने पंचों से कहा कि वे अपने-अपने गांवों में ग्राम पंचायतें आयोजित करें, ताकि विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर निर्णय जनता के सामने हो। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास से संबंधित निर्णय ग्राम सभाओं में लिए जाने चाहिए, ताकि धन का उचित उपयोग सुनिश्चित हो सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यदि पंचायतें अपना कर्तव्य अच्छी तरह से निभाएं, तो वे आम आदमी और अपने गांवों की तकदीर बदल सकती हैं। मुख्यमंत्री ने पंचायतों से जोश के साथ काम करने और सभी को आधुनिक सुविधाएं सुनिश्चित करके अपने गांवों को मॉडल वन में बदलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांवों की भलाई के लिए पंचायतों को ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने पंचायतों से अपील की कि वे गांववासियों से विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला लें। उन्होंने कहा कि वे गांवों के समग्र विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सर्वसम्मति से पंचायतें चुनने वाले गांवों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन गांवों ने संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सर्वसम्मति से अपनी पंचायतें चुनी हैं, जिससे एक तरफ जहां गांवों में सद्भावना और भाईचारे की भावना मजबूत हुई है, वहीं दूसरी तरफ गांवों का सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहा कि गांवों के समझदार मतदाताओं ने सभी पंचायतों को बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, जिसे वे पूरी लगन से निभाएं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वे राज्य के मतदाताओं के आभारी हैं, जिन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से इन चुनावों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है।