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इंजीनियर की 22 हड्डियां तोड़ने वाले पूर्व विधायक को करना होगा सरेंडर, सुप्रीम कोर्ट ने दिया झटका

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बाड़ी

राजस्थान के बीजेपी नेता और बाड़ी के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को तगड़ा झटका लगा है। एईएएन-जेईएन मारपीट मामले में उन्हें 2 सप्ताह में सरेंडर करना होगा। कोर्ट के आदेशानुसार सरेंडर करने के 4 सप्ताह बाद मामले में सुनवाई शुरू होगी।शुक्रवार को जस्टिस वी. रामास्वामी ने ये आदेश दिए। उल्लेखनीय है कि बिजली विभाग के एईएन और जेईएन के साथ मारपीट का मामला 28 मार्च 2022 का है।

धौलपुर जिले के बाड़ी क्षेत्र में तत्कालीन विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा दौरे पर गए हुए थे। ग्रामीण क्षेत्र में जनसुनवाई के दौरान उन्हें बिजली विभाग के अफसरों की शिकायतें मिली तो वे एईएन जेईएन के दफ्तर पहुंच गए। वहां बहस के बाद झड़प और मारपीट हुई। एईएन और जेईएन के साफ गंभीर रूप से मारपीट की गई जिसका कथित वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। मलिंगा को पहले राजस्थान हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी कोई राहत नहीं दी है। पीड़ित की ओर से एडवोकेट महमूद प्राचा, एडवोकेट आदित्य जैन और एडवोकेट मालती ने पैरवी की।

हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। वे सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की उम्मीद में थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें बड़ा झटका मिला है। मलिंगा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उनकी जमानत खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पहले सरेंडर हों, उसके बाद ही इस केस में आगे की सुनवाई करेंगे।