पटना
'बिहार कोकिला' शारदा सिन्हा के पार्थिव शरीर को आज पटना लाया जा रहा है। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। छठ के पहले दिन (मंगलवार देर रात) दिल्ली AIIMS में उनका निधन हो गया। छठ के गाए उनके गीत बेहद मशहूर हैं। इस पर्व के पहले ही दिन उन्होंने अंतिम सांस लीं। फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जा रहा है। दोपहर बाद पटना में इसे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। कल (गुरुवार) को सुबह 8 बजे के बाद गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान का साथ शारदा सिन्हा को अंतिम विदाई दी जाएगी। 26 अक्टूबर को तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था। शारदा सिन्हा के निधन पर राष्ट्रपति मुर्मू, पीएम मोदी और सीएम नीतीश के अलावा कई राज्यों के गवर्नर और मुख्यमंत्री ने शोक जताया है। शारदा सिन्हा के गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत कई दशकों से काफी लोकप्रिय है। छठ महापर्व से जुड़े उनके गीतों की गूंज सदैव बनी रहेगी।
राजकीय सम्मान के साथ शारदा सिन्हा को अंतिम विदाई
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि बिहार कोकिला, पद्म और पद्म भूषण से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा। सरकार के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने शारदा सिन्हा जी के निधन की सूचना मिलते ही स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली को स्वर्गीय शारदा सिन्हा जी के परिवार के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर उनका पार्थिव शरीर वायुयान (फ्लाइट) से पटना भेजने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी पटना को निर्देश दिया है कि राजकीय सम्मान के साथ स्वर्गीय शारदा सिन्हा जी के अंतिम संस्कार हेतु सभी आवश्यक व्यवस्था ससमय सुनिश्चित करेंगे।
यूं हीं कोई नहीं बन जाता शारदा सिन्हा
बिहार की समृद्ध लोक परंपराओं को राज्य की सीमाओं से बाहर भी लोकप्रिय बनाने वालीं शारदा सिन्हा के कुछ प्रमुख गीतों में ‘छठी मैया आई ना दुआरिया’ ‘कार्तिक मास इजोरिया’, ‘द्वार छेकाई’, ‘पटना से’, और ‘कोयल बिन’ शामिल थे। इसके अलावा उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था। इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू’ के ‘तार बिजली’, ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने शामिल हैं।
शारदा सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने अपने कई गीतों में लोक संगीत का मिश्रण किया। उन्हें अक्सर ‘मिथिला की बेगम अख्तर’ कहा जाता था। वह हर साल छठ पर्व पर एक नया गीत जारी करती थीं। उन्होंने इस साल स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद भी उन्होंने छठ पर्व के लिए एक गीत जारी किया था।
शारदा सिन्हा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उनके द्वारा गाया गया गीत ‘दुखवा मिटाईं छठी मईयां’ एक दिन पहले ही साझा किया गया था। यह गीत शायद उनकी मनःस्थिति को दर्शाता है, जब वह खराब स्वास्थ्य से जूझ रही थीं। एम्स के एक अधिकारी ने बताया, ‘शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण ‘रिफ्रैक्टरी शॉक’ के चलते रात नौ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया।’ पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (आईआरसीएच) की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था।
वैसे, शारदा सिन्हा साल 2017 से मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही थीं और डेढ़ महीने पहले ही उनके पति का निधन हो गया था। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषाओं में लोकगीत गाए थे और उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई नामचीन हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शारदा सिन्हा के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि सिन्हा ने पांच दशक से अधिक समय तक अपनी मधुर आवाज से भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयां दीं।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अपनी मधुर आवाज से पांच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संगीत को नई ऊंचाई देने वाली शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। ‘बिहार कोकिला’ के रूप में प्रसिद्ध शारदा सिन्हा जी ने मैथिली और भोजपुरी लोकगीतों को जन-जन का कंठहार बनाया और पार्श्व गायिका के रूप में फिल्म जगत को मंत्रमुग्ध करतीं रहीं। पूर्वांचल के लोक संस्कार उनकी आवाज के बिना अधूरे लगते हैं। इस छठ महापर्व पर उनका स्वर भक्तों को निश्चय ही और भी भावुक करेगा। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ हैं। छठी मैया दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान दें। ओम शांति शांति शांति।’’
पार्श्व गायक सोनू निगम ने कहा कि छठ पूजा के महान पर्व के दौरान आदरणीय शारदा सिन्हा जी को खोना अत्यंत दुखद है। भोजपुरी अभिनेता एवं नेता रवि किशन ने कहा कि सिन्हा की आवाज के बिना हर त्योहार खाली लगता था, खासकर छठ का त्योहार। यही वजह है कि ‘‘छठी मैया’’ ने उन्हें इस दौरान अपने पास वापस बुला लिया।
‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर एवं सुपौल में जन्मीं सिन्हा छठ पूजा एवं विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मशहूर थीं। शारदा सिन्हा ने 1970 के दशक में पटना विश्वविद्यालय में साहित्य का अध्ययन किया और उसी दौरान उनके मित्रों और शुभचिंतकों ने उन्हें गायन के प्रति अपने जुनून को निखारने के लिए प्रेरित किया था।
उन्होंने दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और साथ ही लोक गायिका के रूप में अपनी पहचान भी बनाई। इसके बाद फिल्म जगत में भी सिन्हा को पहचाने जाना लगा। शारदा सिन्हा ने 1990 की मशूहर बॉलीवुड फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ में ‘‘कहे तोसे सजना’’ गीत गाया था और लोगों ने इस गाने को बहुत ज्यादा पसंद किया था। इस फिल्म में सलमान खान ने मुख्य भूमिका निभायी थी। शारदा सिन्हा इसके बाद और ज्यादा लोकप्रिय हो गईं और उन्होंने अपनी आवाज के माध्यम से लोक संगीत की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाना जारी रखा। हालांकि उन्होंने इस बात का ध्यान भी रखा कि वह कभी भी घटिया और द्विअर्थी गीत न गाएं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका सुमधुर गायन अमर रहेगा। शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से एम्स में भर्ती थीं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने ‘एक्स’ पर लिखा, “बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध गायिका डॉक्टर शारदा सिन्हा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। बिहारी लोक गीतों को मैथिली और भोजपुरी में अपनी मधुर आवाज़ देकर शारदा सिन्हा जी ने संगीत जगत में अपार लोकप्रियता पायी।”
उन्होंने लिखा, “आज छठ पूजा के दिन उनके मधुर गीत देश-विदेश में भक्ति का अलौकिक वातावरण बना रहे होंगे। उन्हें वर्ष 2018 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। उनका सुमधुर गायन अमर रहेगा। मैं उनके परिवारजन एवं प्रशंसकों के प्रति गहन शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं।”
पीएम मोदी ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात लोक गायिका शारदा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं।" उन्होंने कहा, "आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!"
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थीं और सोमवार से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार सुबह ही शारदा सिन्हा के पूत्र अंशुमान सिन्हा और एम्स के निदेशक से बातचीत करके उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
झारखंड और यूपी के सीएम ने जताया दुख
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्यपाल संतोष गंगवार ने लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं।
गंगवार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर अत्यंत दुःखद है। उनके निधन से भारतीय लोक संगीत ने एक अनमोल रत्न खो दिया है। भारतीय संगीत और लोक गायन में उनका योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’’
हेमंत सोरेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अपनी आवाज से छठ एवं अन्य त्योहारों को जीवंत करने वाली स्वर कोकिला आदरणीय शारदा सिन्हा जी के निधन की दुःखद खबर मिली। स्व. शारदा जी नारी सशक्तिकरण की विराट मिसाल थीं। उनका चले जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई शायद ही कभी पूरी हो पाएगी। छठी मइयां स्व. शारदा जी की आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।’’
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक गायिका, पद्म भूषण शारदा सिन्हा के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री योगी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर पोस्ट कर उनके निधन को संगीत जगत की अपूरणीय क्षति बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर उन्हें सम्मान दिलाया। सीएम योगी ने लिखा-प्रभु राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति!
बिहार से सीएम समेत नेताओं ने जताया शोक
स्वर कोकिला शारदा सिन्हा के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा सहित प्रदेश के विभिन्न नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार कोकिला, पद्म एवं पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का निधन दुःखद है। वे मशहूर लोक गायिका थीं। उन्होंने मैथिली, बज्जिका, भोजपुरी के अलावा हिंदी गीत भी गाए। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी अपनी मधुर आवाज दी थी। उन्होंने कहा कि शारदा सिन्हा के छठ महापर्व पर सुरीली आवाज में गाए मधुर गाने बिहार और उत्तर प्रदेश समेत देश के सभी भागों में गूंजा करते हैं। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना है।
इधर, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शारदा सिन्हा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा का निधन न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की संगीत और लोक संस्कृति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी मधुर आवाज और लोकगीतों ने हमारे लोक संगीत को एक नई पहचान दिलाई। बिहार की लोक संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाने में उनका योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा, "शारदा जी ने अपने संगीत से हमें और हमारी संस्कृति को जो गौरव प्रदान किया, वह सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेगा। उनके निधन से संगीत जगत में जो शून्यता उत्पन्न हुई है, उसे भर पाना असंभव है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और उनके प्रशंसकों के साथ हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।"
उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्वर कोकिला निधन पर कहा कि बिहार की सांस्कृतिक नायिका तथा बिहार की 'स्वर कोकिला' बहन शारदा सिन्हा का जाना बिहार की लोक संस्कृति एवं विरासत के लिए अपूरणीय क्षति है। छठ का महापर्व बिना उनके गाए गीतों के अधूरा लगता है। पूरा बिहार शोक की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ा है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शारदा सिन्हा के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि शारदा सिन्हा का जाना, बिहार के लोक संगीत और संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी अद्वितीय आवाज से बिहार की लोक परंपराओं को संजोए रखा और उसे देश-विदेश में ख्याति दिलाई। दिलीप जायसवाल ने अपने शोक संदेश में कहा, "शारदा सिन्हा ने लोकगीतों के माध्यम से हमारे समाज की भावनाओं को अभिव्यक्त किया और लोक धरोहर को नई पहचान दी। उनकी मधुर आवाज़ ने बिहार के लोक संगीत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।"
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी से अपने शोक संदेश में कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा जी के निधन से स्तब्ध हूं। उनकी गायन ने बिहार की संस्कृति, भोजपुरी संगीत और छठ महापर्व की महानता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गरिमामयी पहचान दिलाई।
जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने शारदा सिन्हा के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि स्वर कोकिला, पद्मशारदा सिन्हा के निधन से पूरा बिहार मर्माहत है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संयोग है जिन्होंने छठी मइया के गीत को देश दुनिया में पहुंचाया, आज नहाय खाय के दिन हमारे बीच नहीं रहीं।
शारदा सिन्हा के निधन पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दुःख व्यक्त किया है । उन्होंने कहा है कि शारदा सिन्हा के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध और मर्माहत हूं। पूरे बिहार के लोग शारदा सिन्हा के निधन की खबर से मर्माहत हैं। पूरे देश में जिस तरीके से लोक गायिकी के क्षेत्र में उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी, उसे ना कोई भूल सकता ना कोई मिटा सकता है। शारदा सिन्हा ने लोक गायिका के क्षेत्र में एक लंबी लकीर खींची। उनका निधन बिहार के लिए विशेष तौर पर अपूरणीय क्षति है । इसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है।
लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली एम्स में निधन
प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स, दिल्ली) अस्पताल में निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं। शारदा सिन्हा को पिछले महीने एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल (आईआरसीएच) की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। एम्स के एक अधिकारी ने बताया कि शारदा सिन्हा का सेप्टीसीमिया के कारण 'रिफ्रैक्टरी शॉक' के चलते रात नौ बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया। शारदा सिन्हा को मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का ब्लड कैंसर) था और स्वास्थ्य जटिलता उत्पन्न होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
शारदा सिन्हा के कुछ लोकप्रिय गीतों में "छठी मैया आई ना दुआरिया", "कार्तिक मास इजोरिया", "द्वार छेकाई", "पटना से", और "कोयल बिन" हैं। इसके अलावा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्मों में भी गाना गया था। इनमें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर- टू’ के ‘तार बिजली’, ‘हम आपके हैं कौन’ के ‘बाबुल’ और ‘मैंने प्यार किया’ के ‘कहे तो से सजना’ जैसे गाने शामिल हैं।
‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर एवं सुपौल में जन्मीं सिन्हा छठ पूजा एवं विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मशहूर थीं।