Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

लगातार तीसरे महीने बिहार देश में महंगाई में पहले नंबर पर, पिछले महीने महंगाई की दर 7.5 फीसदी रही

21
Tour And Travels

नई दिल्ली
 बिहार में सितंबर में लगातार तीसरे महीने सबसे ज्यादा महंगाई देखने को मिली। राज्य में सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 7.5 फीसदी रही जो 5.5 फीसदी के राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। बिहार के बाद छत्तीसगढ़ (7.4%) दूसरे, उत्तर प्रदेश (6.7%) तीसरे, ओडिशा (6.6%) चौथे और हरियाणा (6.2%) पांचवें नंबर पर रहे। ताजा आंकड़ों के मुताबिक खुदरा महंगाई सितंबर में 5.5 फीसदी रही जो इसका नौ महीने का उच्चतम स्तर है। खानेपीने की चीजों खासकर सब्जियों, खाद्य तेल और दालों की कीमत में तेजी से खुदरा मंहगाई बढ़ी है।

आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में सबसे कम महंगाई दिल्ली में रही। यहां खुदरा महंगाई की दर 3.7 फीसदी रही। पश्चिम बंगाल (4.3%) दूसरे, तेलंगाना (4.4%) तीसरे, हिमाचल (4.6%) चौथे और उत्तराखंड (4.7%) पांचवें नंबर पर रहे। ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई की बात करें तो इसमें छत्तीसगढ़ (8%) पहले, उत्तर प्रदेश (7.6%) दूसरे और बिहार (7.6%) तीसरे नंबर पर है। शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई के मामले में बिहार (7.1%) पहले नंबर पर है।

ब्याज दरों में कटौती

2023-24 के इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कंजम्पशन बास्केट में फूड आइटम्स् का वेटेज 47.3 फीसदी है जबकि शहरी इलाकों में यह 29.6 फीसदी है। इस महंगाई को देखते हुए जानकारों का कहना है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती को फिलहाल टाल सकता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी संकेत दिया है कि दिसंबर में होने वाली एमपीसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है। अगर नीतिगत दरों में कटौती नहीं होती है तो लोन पर भी ब्याज नीचे नहीं आएगा।

दास ने कहा कि वर्तमान स्थिति में ब्याज दरों में कटौती जल्दबाजी और बहुत जोखिम भरी होगी क्योंकि खुदरा महंगाई अभी भी ऊंचे स्तर पर है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य की मौद्रिक नीतियों का निर्धारण आय और अन्य आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा। महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने महंगाई संबंधी चिंताओं के कारण नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और मौद्रिक नीति का रुख न्यूट्रल कर दिया था। अगले द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा 6 दिसंबर को होगी।