Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, परमिट… दिल्‍ली में अब सबकुछ जल्द ही हो सकते हैं डिजिटल, जानिए कैसे

14
Tour And Travels

नई दिल्ली

 दिल्ली में जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और वाहनों के पंजीकरण प्रमाणपत्र (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) (आरसी) डिजिटल हो सकते हैं। राज्य सरकार वाहन मालिकों को सत्यापन प्रक्रिया (वेरिफिकेशन प्रोसेस) और अन्य उद्देश्यों के लिए इसे आसान बनाने के लिए डिजिटल डीएल और डिजिटल आरसी पेश करने की योजना बना रही है।

इस कदम का मकसद राष्ट्रीय राजधानी में ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने में होने वाली देरी को कम करना है, जहां दोनों दस्तावेज इस समय भौतिक कार्ड में जारी किए जाते हैं। डीएल और आरसी के इलेक्ट्रॉनिक वर्जन को आधार कार्ड की तरह इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर (संग्रहीत) किया जा सकता है और विभिन्न स्मार्टफोन एप के जरिए सुलभ होगा।  

डिजिटल दस्तावेजों के फायदे

बता दें कि डिजिटल डीएल और आरसी को आधार कार्ड की तरह इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्टोर किया जा सकेगा और स्मार्टफोन एप्स के माध्यम से सुलभ बनाया जाएगा। इस प्रक्रिया से भौतिक कार्ड की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे वाहन मालिकों को अतिरिक्त सुविधा मिलेगी।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने हाल ही में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अधिकारियों के साथ बैठक में इस योजना पर चर्चा की। गहलोत ने कहा, “हम पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक सहज और सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भौतिक आरसी से डिजिटल वर्जन में शिफ्ट होने से प्रशासनिक देरी कम होगी।”

डीएल और आरसी पीडीएफ फॉर्मेट में

डिजिटल डीएल और आरसी पीडीएफ फॉर्मेट में ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। वाहन मालिक अपने स्मार्टफोन के माध्यम से इन्हें डाउनलोड और प्रिंट कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, ये दस्तावेज DigiLocker या mParivahan जैसे एप्स पर अपलोड किए जा सकेंगे। प्रत्येक डिजिटल दस्तावेज में एक विशिष्ट आईडी और क्यूआर कोड होगा, जो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा सत्यापन के दौरान उपयोग किया जाएगा।

मौजूदा स्थिति

वर्तमान में, वाहन मालिकों को भौतिक कार्ड में ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त होते हैं। मार्च 2021 में दिल्ली ने डीलरों द्वारा वाहनों का सेल्फ-रजिस्ट्रेशन शुरू किया, जिसके तहत अब तक 15 लाख से अधिक आरसी जारी किए जा चुके हैं।