Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

राजस्थान-भीलवाड़ा के खेड़ा गांव के घरों में 300 सालों से दरवाजे नहीं

23
Tour And Travels

भीलवाड़ा.

भीलवाड़ा जिले में एक ऐसा अनूठा सारण का खेड़ा गांव है, जहां शनि शिंगणापुर की तर्ज पर घर के बाहर दरवाजा नहीं लगाए जाते हैं। यह परंपरा करीब 300 सालों से चली आ रही है। माना जाता है कि दरवाजे से घर की सुरक्षा होती है, वहीं इस गांव में उल्टा प्रचलन है। बिना दरवाजों के इस गांव में 100 से ज्यादा परिवार यूं ही रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी आजतक यहां चोरी की एक भी घटना सामने नहीं आई है। इतना ही नहीं इस गांव के थाने में भी चोरी का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है।

सारण का खेड़ा गांव में जिसने भी अपने घर में दरवाजा लगवाया, उसने तुरंत ही उसे हटवा दिया, उसे काफी बुरे हालातों का सामना करना पड़ा। कहते हैं कि खेड़ा गांव को एक महात्मा का वरदान मिला है। उन्होंने ही इस गांव के लोगों को दरवाजा ना लगाने को कहा था। गांव वालों का कहना है कि गांव की हिफाजत महात्मा ही करते हैं। इस कारण कोई भी घरों में दरवाजा नहीं लगवाता।

दरवाजा लगाने की कोई भी गलती नहीं करता
बता दें कि 300 साल पहले संत के दिए गए आशीर्वाद के अनुसार, सारण का खेड़ा गांव के लोगों ने कभी भी अपने घरों के बाहर दरवाजा नहीं लगाया। लेकिन, जानवरों को रोकने के लिए यहां के लोग केवल लकड़ी की जालीनुमा टांटी लगाते हैं। ताकि पालतू या आवारा पशु घर में नहीं घुस सके। ग्रामीणों का दावा है कि जिस भी व्यक्ति ने इस परंपरा को तोड़ने का प्रयास किया है, उसे अपने बुरे हालात से गुजरना पड़ा है। इस कारण अब गांव में कोई भी दरवाजा लगाने की गलती नहीं करता है।