Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

ईरानी कप मैच ड्रॉ होने के बावजूद मुंबई क्यों बनी चैंपियन? रहाणे की कप्तानी में 27 साल का सूखा समाप्त

31
Tour And Travels

मुंबई
अजिंय्य राहणे की कप्तानी वाली मुंबई ने रविवार को ईरानी कप 2024 ट्रॉफी अपने नाम कर ली। मुंबई वर्सेस रेस्ट ऑफ इंडिया मैच ड्रॉ रहा। ईरानी कप मैच में रेस्ट ऑफ इंडिया और रणजी ट्रॉफी विजेता की टक्कर होती है। मुंबई ने लखनऊ के इकान स्टेडियम में आयोजित ईरानी कप में पहली पारी में 537 रन बनाए। जवाब में रेस्ट ऑफ इंडिया 416 रनों पर ढेर हो गई। मुकाबले के पांचवें और अंतिम दिन मुंबई का स्कोर जब दूसरी पारी में 329/8 पर पहुंचा तो ड्रॉ की घोषणा कर दी गई। मुंबई ने 27 साल बाद ईरानी कप ट्रॉफी का सूखा समाप्त किया है। मुंबई ने इससे पहले 1997-98 में खिताब जीता था। हालांकि, कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर मैच ड्रॉ होने के बावजूद मुंबई ही क्यों चैंपियन बनी? चलिए, आपको इसकी वजह बताते हैं।

पहली पारी की बढ़त ने दिलाई ट्रॉफी
दरअसल, ईरानी कप में एक मैच ही खेला जाता है। ईरानी कप में नियम है कि मैच ड्रॉ रहने पर विजेता का फैसला पहली पारी की लीड के आधार पर होगा। ऐसे में जिस टीम के पास पहली पारी के बाद बढ़त होती है, उसे चैंपियन घोषित कर दिया जाता है। मुंबई इसलिए ईरानी कप ट्रॉफी पर कब्जा जमाने में सफल रही क्योंकि उसने रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ पहली पारी में 121 रनों की लीड हासिल की थी। मुंबई के लिए पांचवें दिन तनुश कोटियन और मोहित अवस्थी ने शानदार बल्लेबाजी की। दोनों ने नौवें विकेट के लिए 158 रनों की अटूट पार्टनरशिप की। कोटियन ने 150 गेंदों में 10 चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 114 रन बनाए। अवस्थी ने 93 गेंदों में नाबाद 51 रन बनाए, जिसमें चार चौके और एक सिक्स शामिल हैं।

सरफराज खान बने प्लेयर ऑफ द मैच
मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। उन्होंने पहली पारी में दोहरा शतक ठोका था। सरफराज ने 286 गेंदों का सामना करने के बाद नाबाद 222 रन जोड़े। उन्होंने 25 चौके और चार छक्के लगाए। वहीं, सरफराज दूसरी पारी में महज 17 रन ही बना पाए। रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए सारांश जैन ने कुल सात विके चटकाए। उन्होंने दूसरी पारी में छह और पहली पारी में एक शिकार किया। रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए अभिमन्यु ईश्वर ने 191 रन की शानदार पारी खेली। उन्हें दूसरे छोर से ध्रुव जुरेल (93) के अलावा कोई खास सहयोग नहीं मिला। दोनों नेपांचवें विकेट के लिए 165 रन जोड़े। शम्स मुलानी ने 40 ओवर में 122 रन देकर और कोटियन ने 27 ओवर में 101 रन देकर तीन तीन विकेट चटकाए।