Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

जनगणना की घोषणा ‘बहुत जल्द’ होगी: अमित शाह

16
Tour And Travels

सरकार मणिपुर में स्थायी शांति के लिए मेइती, कुकी लोगों से बात कर रही है: अमित शाह

जनगणना की घोषणा ‘बहुत जल्द’ होगी: अमित शाह

मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करने की योजना: अमित शाह

नई दिल्ली
 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार मणिपुर में स्थायी शांति के लिए मेइती और कुकी दोनों समुदायों से बातचीत कर रही है और उसने घुसपैठ रोकने के लिए म्यांमा से लगती देश की सीमा पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शाह ने कहा कि पिछले सप्ताह तीन दिनों की हिंसा को छोड़ दिया जाए तो मणिपुर में स्थिति कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रही है और सरकार अशांत पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम शांति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों से बात कर रहे हैं। हम मणिपुर में स्थायी शांति के लिए एक खाका भी तैयार कर रहे हैं।’’

गृह मंत्री ने कहा कि म्यांमा के साथ लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 30 किलोमीटर तक बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि कुल 1,500 किलोमीटर के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने उस ‘भारत-म्यांमा मुक्त आवागमन व्यवस्था’ (एफएमआर) को पहले ही समाप्त कर दिया है, जो भारत-म्यांमा सीमा के निकट रह रहे लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर भीतर तक जाने की अनुमति देती थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब लोग वीजा के साथ ही एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे।’’

मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमा सीमा पर एफएमआर लागू था। इसे भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत 2018 में लागू किया गया था।

मणिपुर में पिछले वर्ष तीन मई को बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ निकाला गया था और इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। तब से जारी हिंसा में कुकी और मेहती समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं।

जनगणना की घोषणा ‘बहुत जल्द’ होगी: अमित शाह

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार देश में जनगणना कराने के लिए ‘‘बहुत जल्द’’ घोषणा करेगी। जनगणना के बारे में सवाल पूछे जाने पर शाह ने कहा, ‘‘हम बहुत जल्द इसकी घोषणा करेंगे।’’

हर 10 साल में होने वाली जनगणना की कवायद में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर शाह ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जब हम जनगणना की घोषणा करेंगे तो हम सभी विवरण सार्वजनिक करेंगे।’’

भारत में 1881 से हर 10 साल में जनगणना की जाती है। इस दशक की जनगणना का पहला चरण एक अप्रैल, 2020 को शुरू होना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।

शाह की यह टिप्पणी जाति आधारित जनगणना कराने की राजनीतिक दलों की मांग के बीच आई है।

नये आंकड़ों के अभाव में सरकारी एजेंसियां अब भी 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर नीतियां बना रही हैं और सब्सिडी आवंटित कर रही हैं।

मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करने की योजना: अमित शाह

 गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राजग सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, ‘‘हमारी योजना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवस्था लागू करने की है।

संवाददाता सम्मेलन में शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे।

पिछले महीने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जोरदार वकालत की थी और कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है।

मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा था, ‘‘देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा।’’

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने इस साल मार्च में पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। समिति ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने की भी सिफारिश की।

इसके अलावा, विधि आयोग द्वारा सरकार के सभी तीन स्तरों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश किए जाने की संभावना है। वह त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान करने की सिफारिश भी कर सकता है।

कोविंद समिति ने एक साथ चुनाव कराने की व्यवस्था लागू करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की। उसने 18 संवैधानिक संशोधन करने की सिफारिश की जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं के अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी।

हालाँकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी जिन्हें संसद द्वारा पारित किया जाना आवश्यक होगा