Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

बिहार-औरंगाबाद में बीआरबीसीएल में टायलेट निर्माण घोटाले की सीबीआई ने बढ़ाई जांच

40
Tour And Travels

औरंगाबाद.

औरंगाबाद जिले में स्थित भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड (बीआरबीसीएल) के पावर प्लांट में सीएसआर (कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) फंड से शौचालय निर्माण में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तेज कर दी है और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

शौचालय निर्माण घोटाले के मुख्य आरोपी के रूप में बीआरबीसीएल के पूर्व अपर महाप्रबंधक (कमीशनिंग) राकेश कुमार उपाध्याय का नाम सामने आया है। आरोप है कि उन्होंने वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान इस घोटाले को अंजाम दिया और इसमें कई अन्य छोटे-बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। सीबीआई की टीम, जो संयुक्त सचिव राजीव रंजन के नेतृत्व में काम कर रही है, ने नबीनगर स्थित पावर प्लांट में 12 घंटे से अधिक समय तक फाइलों की गहन जांच की। सीबीआई ने अब तक 230 शौचालय निर्माण में घोटाले की जांच की है और इसमें बीआरबीसीएल के तत्कालीन एजीएम आरके उपाध्याय, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के सिंगरौली स्थित एनटीपीसी पावर प्लांट में पदस्थ हैं, को मुख्य आरोपी बनाया है। इसके अलावा, कोलकाता की कंपनी इंडिकॉन इंटरप्राइजेज और सब-कांट्रैक्टर रोहतास श्री जी इंटरप्राइजेज के सुशील कुमार पांडेय को भी आरोपी बनाया गया है।

घोटाले में यह बात आई सामने
जांच में खुलासा हुआ है कि सीएसआर फंड के तहत बनाए गए 230 शौचालयों में से कई का निर्माण हुआ ही नहीं। जो शौचालय बने भी थे, वे भी बेहद खराब गुणवत्ता के थे। कई स्कूलों में निर्धारित संख्या के मुकाबले कम शौचालय बनाए गए। ठेकेदार सुशील कुमार पांडेय ने भी स्वीकार किया है कि इलाके की दुर्गमता के कारण 30-40 शौचालयों का निर्माण संभव नहीं हो पाया।