Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

एम्स में पदस्थ डॉ. अंशुल राय की ‘जबड़े की सर्जरी’ तकनीक को केंद्र सरकार की ओर से कॉपीराइट प्रदान किया गया

25
Tour And Travels

भोपाल

 एम्स भोपाल के में दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ अंशुल राय द्वारा विकसित 'सेजाइटल स्प्लिट आस्टियोटॉमी' तकनीक के लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट दिया है। 'सेजाइटल स्प्लिट आस्टियोटॉमी' एक प्रकार की जबड़े की सर्जरी है, जिसमें निचले जबड़े को ऊपरी जबड़े से अलग किया जाता है। फिर उसे आगे या पीछे ले जाकर फिर से जोड़ा जाता है। यह सर्जरी दांतों और जबड़े का आकार ठीक करने में सहायक होती है।

डॉ. राय ने बताया कि विकृत चेहरे वाले मरीजों के लिए सर्जरी की यह तकनीक एक वरदान के रूप में साबित होगी। यह तकनीक न केवल शारीरिक रूप से उन्हें सुधारने में मदद करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मददगार होगी।

लगेगा कम खर्च
एम्स भोपाल प्रदेश का एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जहां बहुत की कम खर्चे में आर्थोग्नेथिक सर्जरी (फेसियल एस्थेटिक) सर्जरी की जाती है। डॉ. राय द्वारा इसी तकनीक का एक और मॉडिफिकेशन 2021 में ब्रिटिश जर्नल आफ ओरल एंड मैक्सिलोफेसिअल सर्जरी लंदन में प्रकाशित किया जा चुका है। डॉ. राय ने बताया कि जिन लोगों के चेहरे में कोई विकृति होती है, वो लोग बाहर जाने से कतराते हैं, उनका आत्मविश्वास कम हो जाता है। उन्हें भोजन करने में भी परेशानी होती है।

डा. अंशुल का यह अभी तक का 25वां और वर्ष का 17वां कॉपीराइट है। उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में यह सबसे बड़ी सर्जरी होती है। इसमें आठ से लेकर दस लाख रुपये तक खर्चा होता है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने कहा कि इस तकनीक से कई लोगों की जिंदगी में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।