Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

छत्तीसगढ़-कांकेर में शिक्षकों द्वारा युक्तियुक्त करण का विरोध

30
Tour And Travels

कांकेर.

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू किए जा रहे युक्तियुक्त करण का शिक्षकों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। शिक्षकों का मानना है कि एक शिक्षक पांच कक्षाओं की पढ़ाई करवाने में असमर्थ है। इससे शिक्षा गुड़वत्ता में गिरावट देखने को मिल सकती है। अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के बैनर तले शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए 2008 में लागू किये सेटअप को यथावत रखने की मांग की है।

युक्तियुक्त करण का विरोध करते शिक्षकों ने बताया कि प्रत्येक स्कूलों में एक शिक्षक का काम डाक से सर्वे तक का होता है, जबकि अंदरूनी इलाकों के स्कूलों में आधार कार्ड, आय, जाति, निवास बनवाने तक कार्य किया जाता है। इसके अलावा शासन-प्रशासन द्वारा समयानुसार अन्य कार्य भी दिया जाता है। इससे स्कूल में पढ़ाई करवाने के लिए एक ही शिक्षक बच जाएंगे, जिन्हें पूरे पांच कक्षाओं को पढ़ाई करवाना होगा। शिक्षकों के अनुसार, स्कूल खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक है। इस दौरान पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है पर दो शिक्षकों द्वारा मिलकर 12 से 15 कक्षाओं का पढ़ाई करवाई जाती है तो युक्तियुक्त करण के बाद एक ही शिक्षक को 18 कक्षाओं को पढ़ाना संभव नहीं हो सकता है। अंदरूनी इलाकों के शिक्षकों ने शिकायत करते हुए बताया कि वर्तमान समय में एक प्रधान अध्यापक व दो सहायक शिक्षक को प्रत्येक स्कूलों में नियुक्त किया जाना है। बावजूद इसके शहरी इलाकों के कई स्कूलों में चार से पांच व अंदरूनी इलाकों में केवल एक शिक्षक नियुक्त किया गया है, ऐसे में सीधा-सीधा शिक्षा नीति का उल्लंघन किया जा रहा है और गुड़वत्ता को खराब किया जा रहा है।