केंद्रीय पूल में 262.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है, जिससे 22.31 लाख किसानों को 59,715 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हुआ
गेहूं की खरीदारी में पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक योगदान रहा है
98.26 लाख किसानों से 489.15 लाख मीट्रिक टन चावल के बराबर 728.42 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई, जिससे कुल 1,60,472 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया
रबी विपणन सीजन 2024-25 के दौरान देश के प्रमुख खरीदारी करने वाले राज्यों में गेहूं की खरीदारी सुचारू रूप से चल रही है। इस वर्ष अब तक केंद्रीय पूल में 262.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जो पिछले वर्ष की कुल 262.02 लाख मीट्रिक टन खरीदारी से अधिक है।
रबी सीजन 2024-25 के दौरान कुल 22.31 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं और उन्हें कुल 59,715 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिला है। गेहूं की खरीदारी में मुख्य योगदान पांच खरीद करने वाले राज्यों अर्थात पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश का रहा है, जहां क्रमशः 124.26 लाख मीट्रिक टन, 71.49 लाख मीट्रिक टन, 47.78 लाख मीट्रिक टन, 9.66 लाख मीट्रिक टन और 9.07 लाख मीट्रिक टन की खरीद की गई।
चावल की खरीदारी भी सुचारू रूप से चल रही है। खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के दौरान अब तक 98.26 लाख किसानों से सीधे ही 489.15 लाख मीट्रिक टन चावल के बराबर 728.42 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है और लगभग 1,60,472 करोड़ का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया गया है।
खरीदारी की उपरोक्त मात्रा के साथ, वर्तमान में केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 600 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो गया है, जो देश की पीएमजीकेएवाई तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत खाद्यान्न की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने और बाजार उपायों के लिए भी एक सुखद स्थिति दर्शाता है।