किसानों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल टेक्नालॉजी का नया आयाम: अर्जुन मुंडा
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का आज किया शुभारंभ
नई दिल्ली, 09 मार्च। देश के किसानों को डिजिटल टेक्नालॉजी का उपयोग करके सूचना, सेवा एवं सुविधाओं से लैस कर सशक्त बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कृषि भवन, दिल्ली में स्थापित कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का आज शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि देशभर के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का ये नवाचार है।
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मूल मंत्र- मिनिमम गवर्नमेंट-मेक्सिमम गर्वेनेंस से काम किया जा रहा है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि आम आदमी का जीवन अनावश्यक रूप से प्रभावित नहीं हो और वह अपना कार्य पूरे मनोयोग, स्वतंत्र व निष्पक्ष रूप से करते हुए अपने आप को स्वावलंबन, सक्षम, सशक्त बनाते हुए राष्ट्र को सशक्त बनाए। इसी लक्ष्य को लेकर आम किसानों के लाभ के लिए कृषि मंत्रालय ने आज यह नया डिजिटल आयाम जोड़ा है। श्री मुंडा ने कहा कि टेक्नॉलाजी आज सबके जीवन का अभिन्न अंग बन गई है, एक सहयोगी के रूप में सरकार की अपनी जिम्मेदारी है, वहीं टेक्नालाजी उसे और सशक्त बनाती है। लोगों को और कैसे सहयोग किया जाए की सभी लोग टेक्नॉलाजी से लाभान्वित हो, यह सरकार की मंशा है। पूरी पारदर्शिता, प्रतिबद्धता व लक्ष्य के साथ सरकार चाहती है कि गांव में रहने वाला एक आम किसान भी टेक्नॉलाजी के साथ अपने आप को आत्मनिर्भर बना सके। प्रधानमंत्री का हमेशा इस बात पर जोर रहता है कि किसानों के लिए हम बेहतर सूचना, सेवा और सुविधा को कैसे सुगम बनाएं, उनकी उत्पादन क्षमता को, संभावनाओं को एक सहयोगी की भूमिका में कैसे बढ़ा सकें। किसी भी क्षेत्र में हम कितने भी पारंगत हों, लेकिन कृषि एक विशेष महत्वपूर्ण कार्य है क्योंकि मनुष्य अन्न के बगैर नहीं रह सकता है। इसीलिए, हमने कृषि क्षेत्र को महत्व दिया है और किसानों को अन्नदाता कहा है क्योंकि उनके माध्यम से ही देश में अन्न भंडारण होता है।
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इस नई पहल का उद्देश्य है कि किसानों को खेत में वास्तविकता की जानकारी उपलब्ध हो तथा यह भी पता लगाया जा सके कि हमारे कृषि क्षेत्र के समक्ष वास्तव में क्या चुनौतियां हैं। रियल टाइम डेटा व उसका विश्लेषण उपलब्ध होने से इसके आधार पर उनका निवारण किया जा सकेगा, क्षमता विस्तार होगा और फसल अच्छी आएगी, जिससे अंततः कृषि क्षेत्र और देश को भी फायदा होगा। साथ ही सरकार की योजनाओं का लाभ भी पहुंच सकेगा। यह डिजिटल नवाचार 21वीं सदी में भारत को प्रतिबिंबित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि इंसान की जिंदगी में भरोसा एक मजबूत आधार होता है व सरकार की इन कोशिशों से किसानों में विश्वास व सुरक्षित माहौल कायम होगा।
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, लेकिन ऐसा भारत सिर्फ देखने में नहीं बल्कि अनुभव करने में होना चाहिए। भारत न सिर्फ विकसित बने, बल्कि खुशहाल भारत का निर्माण हो और आत्मनिर्भरता के माध्यम से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार हो। तब हर व्यक्ति को गर्व होगा, हर व्यक्ति का सम्मान होगा और हमारी संस्कृति अपने आप में प्रतिबिंबित होगी। देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले नागरिक भारत की भूमि के कण-कण से जुड़ें हुए हैं और हमारे किसान खेत के माध्यम से देश के विकास में सहभागी हैं। इसी क्रम में एग्री स्टैक, डिजिटल कृषि में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत, डिजिटल क्राप सर्वे की शुरुआत की गई है, जिसमें किसानों की फसल के सही ब्यौरे का पता लगाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री मुंडा ने इस अवसर पर महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने महिलाओं को विशेष सौगात देते हुए रसोई गैस पर सब्सिडी दी है, वहीं इस वर्ष को नारी शक्ति वर्ष के रूप में प्रतिपादित करते हुए गणतंत्र दिवस पर देश की महिलाओं की ताकत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत वास्तविक रूप से नारी का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में जो नवाचार हो रहे हैं, वे भी वास्तव में नारी शक्ति को समर्पित कहे जा सकते हैं।
प्रारंभ में केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा ने भी विचार रखे। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव प्रमोद मेहरदा ने नई पहल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
बहुपयोगी सेंटर- कमांड सेंटर पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में जितने भी डिजिटल नवाचार किए जा रहे हैं, उन्हें एक स्थान पर बड़ी स्क्रीन पर एक साथ देख पाना संभव होगा। रिमोट सेंसिंग तकनीक द्वारा फसल सर्वेक्षण से प्राप्त सूचना, मृदा सर्वेक्षण से प्राप्त प्लाट स्तर का डेटा, मौसम विभाग द्वारा दी गई सूचनाएं, डिजिटल क्राप सर्वे से प्राप्त डेटा, कृषि मैप पर उपलब्ध सूचनाएं, कृषि सांख्यिकी के लिए बनाए गए उपज (Upag) पोर्टल पर उपलब्ध जानकारी को एक जगह देखकर विश्लेषण एवं उनके आधार पर सटीक निर्णय लेना संभव होगा, जो अत्यंत उपयोगी रहेगा।