अनुराग सिंह ठाकुर ने पोषक आहार परीक्षण (सीओई-एनएसटीएस) के लिए उत्कृष्टता केन्द्र का किया उद्घाटन
नाडा ने "रोड टू पेरिस 2024: चैंपियनिंग क्लीन स्पोर्ट्स एंड यूनाइटिंग फॉर एंटी-डोपिंग" सम्मेलन की मेजबानी की
नई दिल्ली, 10 फरवरी। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने आज नई दिल्ली में “रोड टू पेरिस 2024: चैंपियनिंग क्लीन स्पोर्ट्स एंड यूनाइटिंग फॉर एंटी-डोपिंग” सम्मेलन का आयोजन किया।
इस अवसर पर अनुराग सिंह ठाकुर ने गांधीनगर, गुजरात में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) में पोषक आहार परीक्षण (सीओई-एनएसटीएस) उत्कृष्टता केन्द्र का वर्चुअली उद्घाटन किया। राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त, एनएफएसयू की अत्याधुनिक सुविधा फोरेंसिक और साइबर विज्ञान में नवाचार और विशेषज्ञता के प्रकाश स्तम्भ के रूप में खड़ी है।
इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित यह कार्यक्रम पेरिस ओलंपिक 2024 से पूर्व डोपिंग रोधी प्रमुख पहलों पर जुटने, विचार-विमर्श करने और रणनीति बनाने के लिए खेल समुदाय के हितधारकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य कर रहा है।
अपने दमदार भाषण में, अनुराग सिंह ठाकुर ने निष्पक्ष खेल के मूल सिद्धांतों, प्रतिस्पर्धा की भावना और खेलों में ईमानदारी बनाए रखने की अनिवार्यता पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय एथलीटों द्वारा प्रदर्शित समर्पण और लचीलेपन की सराहना की और देश के डोपिंग रोधी ढांचे को मजबूत करने में नाडा की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों के लिए पूरक पोषण परीक्षण उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना भारत में पोषक आहार परीक्षण सुविधाएं विकसित करने के मंत्रालय के दीर्घकालिक लक्ष्य के अनुरूप है।”
केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि इसकी विषय वस्तु “रोड टू पेरिस 2024” वैश्विक खेल मंच पर एक राष्ट्र के रूप में हमारी आकांक्षाओं की गहराई से मेल खाती है। उन्होंने कहा, “हमने एक लंबा सफर तय किया है और यह यात्रा हमारे एथलीटों के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रतिनिधित्व करती है, जिन्होंने हमारे देश को गौरव दिलाने के लिए लगातार प्रयास किया है।”
भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि ओलंपिक, पैरालिंपिक, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और अन्य चैंपियनशिप जैसे वैश्विक मेगा आयोजनों में भारत का प्रदर्शन हमारे एथलीटों के पास मौजूद लचीलेपन और प्रतिभा को दर्शाता है।
नाडा के प्रयासों की सराहना करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “खेल भावना और डोपिंग रोधी उपायों को बढ़ावा देने में नाडा के अथक प्रयास सराहनीय रहे हैं। इसने एथलीटों को शिक्षित करने, परीक्षण आयोजित करने और डोपिंग रोधी नियमों और नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
केन्द्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि निष्पक्ष और खेल भावना का माहौल सुनिश्चित करने के लिए डोपिंग रोधी प्रयास अनिवार्य हैं, और सरकार इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने में नाडा द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानती है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) भी सटीक और विश्वसनीय परीक्षण कार्य प्रणाली सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और बजटीय आवंटन और ढांचागत वृद्धि दोनों के संदर्भ में सरकार का सहयोग, इन निकायों को अपनी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए सशक्त बनाएगा।”
सम्मेलन ने इस अवसर पर एक विस्तृत प्रकाशन, “पोषक आहार के बारे में जानकारी और तथ्य” का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य एथलीटों को उनकी भलाई के लिए तैयार किए गए पोषण मानकों और सुरक्षा उपायों में मूल्यवान जानकारी प्रदान करना है।
नाडाने “द पेरिस पिनेकल: नाडाज गाइड टू एथिकल स्पोर्टिंग” का अनावरण किया, जो पेरिस ओलंपिक 2024 की तैयारी करने वाले एथलीटों को विस्तृत दिशानिर्देश देने वाला एक सर्वोत्तम स्रोत है। यह गाइड एथलीटों के लिए एक दिशा-निर्देश के रूप में कार्य करती है, जो उन्हें नैतिक रूप से प्रतिस्पर्धा करने और निष्पक्ष खेल के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सशक्त बनाती है।
सम्मेलन में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रतिनिधियों, उद्योग के हितधारकों और मीडिया पेशेवरों सहित सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी देखी गई। उनकी सामूहिक भागीदारी और साझा कल्पना ने खेल भावना की वकालत करने और वैश्विक मंच पर नैतिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
जैसा कि वैश्विक खेल समुदाय 2024 ओलंपिक के लिए पेरिस में एकत्रित हो रहा है, “रोड टू पेरिस 2024” सम्मेलन खेल भावना को बढ़ावा देने और डोपिंग के खिलाफ एकजुट होने के भारत के संकल्प के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। सहयोगात्मक प्रयासों और सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ, भारत खेलों में निष्पक्ष खेल, अखंडता और नैतिक प्रतिस्पर्धा के पथ प्रदर्शक के रूप में अपनी स्थिति की पुष्टि करता है।