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दिव्यांगजन सशक्तिकरण के साथ महिला सशक्तिकरण देख मिली दोहरी खुशी – प्रतिमा भौमिक

राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड द्वारा नई दिल्ली स्थित डॉ अंबेडकर इंटरनेशलन सेंटर में दीक्षांत समारोह का आयोजन

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नई दिल्ली, 22दिसंबर। शुक्रवार को नई दिल्ली में डॉ अंबेडकर इन्टरनेशनल सेंटर में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत स्थापित भारतीय पुनर्वास परिषद से संबंधित निकाय राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड ने दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। जिसमें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। साथ ही कार्यक्रम में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल और संयुक्त सचिव राजेश यादव ने भी शिरकत की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रतिमा भौमिक ने कहा कि यह एक अद्भूत और अनूठा कार्यक्रम है। यह खुशी कि बात है कि दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत 18 बच्चों में से 17 लड़कियां शामिल हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी जी के उस सपने की ओर इंगित करता है जिसमें उन्होंने हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें सशक्त बनाने की बात कही है। दिव्यांग व्यक्तियों के सर्वांगीण विकास में परिवार के साथ ही शिक्षकों का भी योगदान महत्वपूर्ण होता है।
राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि हर भारतीय आज पीएम मोदी के विचारों के साथ आगे बढ़ रहा है। देश का हर वर्ग जब मिलकर देश की प्रगति में सहयोग करेगा तो फिर भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि एक बच्चे के विकास में परिवार के साथ-साथ शिक्षकों की भूमिका बेहद अहम होती है। दिव्यांग बच्चों को पहले किसी विशेष स्कूल में दाखिला लेना बहुत कठिन होता था पर अब ऐसा नहीं है। दिव्यांग बच्चों के विकास में भारतीय पुनर्वास परिषद बहुत ही अहम और सराहनीय भूमिका निभा रहा है। साथ ही भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ काम करने की भी जरूरत है

मारे देश में दिव्यांग बच्चों की समस्या सिर्फ शिक्षा प्राप्त करने तक ही नहीं बल्कि उन्हें जीवन के कई पहलुओं पर समस्या का सामना करना पड़ता है। हमारे यहां विशेष शिक्षकों, प्रोफेशनल्स के साथ- साथ स्पीच ऑडियोलॉजिस्ट की भारी कमी है। समाज के चतुर्मुख विकास के लिए हमें सक्षम और जुनूनी पेशेवरों की भारी आवश्यकता है।

राजेश अग्रवाल ने आगे कहा कि आरसीआई सिर्फ दिव्यांग व्यक्तियों के लिए ही नहीं कार्य कर रहा है बल्कि आरसीआई दिव्यांग व्यक्तियों के परिजनों के लिए एक निःशुल्क पाठ्यक्रम भी शुरु करेगा। इससे दिव्यांग व्यक्तियों और उनके परिजनों का जीवन सुगम बनेगा।

नारी शक्ति पर बात करते हुए सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि ईश्वर ने नारियों को ज्यादा सशक्त और मन से बेहद दयालु बनाया है, यही कारण है कि वे विशेष बच्चों की देखभाल करने में सक्षम और सशक्त हैं।

राष्ट्रीय पुनर्वास परीक्षा बोर्ड के दीक्षांत कार्यक्रम में18 कोर्सेस में देशभर से 18 बच्चों का चयन हुआ जिन्हें पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत सभी विद्यार्थियों को मार्कशीट, मेडल्स के साथ सीआरआर नंबर भी दिया गया। NBER ने सीआरआर प्रदान करने की नई सुविधा शुरु की है। इससे पहले सीआरआर नंबर मिलने में काफी वक्त लगता था।