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हर तकनीक के साथ, नुकसान, आपराधिकता और बुरा करने वाले लोग भी हैं’: केन्द्रीय राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर

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नई दिल्ली, 24नवंबर। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने गुरुवार को कोयंबटूर में ‘सफलता का डीएनए 2023’ विषय पर केंद्रित ईशा इनसाइट के 12वें संस्करण के दौरान श्री सद्गुरु जग्गी वासुदेव के साथ बातचीत की।

दोनों शख्सियतों की बातचीत वर्ष 2014 के बाद से भारत की परिवर्तनकारी यात्रा के इर्द-गिर्द घूमती रही, जहां इसने प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से जीवन, लोकतंत्र और शासन को बदलने का मार्ग तैयार किया है। श्री राजीव चंद्रशेखर ने एक पूर्व चिप डिजाइनर और एक सफल उद्यमी के रूप में, जिन्होंने तमिलनाडु में बीपीएल मोबाइल सहित भारत के सबसे पुराने और सबसे बड़े सेलुलर नेटवर्क की स्थापना की, ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने आजादी के बाद से एक लंबा सफर तय किया

मंत्री महोदय ने कहा, “ मैं लोगों की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी का प्रसार करता हूं। मैंने तकनीक के एक अनुभवी के रूप में करीब 30-35 साल बिताये हैं, मैं आपको बता सकता हूं कि इस यात्रा का शुरुआती बिंदु वह है जिसे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015-16 में प्रौद्योगिकी के लिये अपने लक्ष्य के रूप में रेखांकित किया था। उन्होंने दुनिया के किसी भी अन्य नेता के विपरीत, जो इसे नवाचार, धन सृजन और अवसर के क्षेत्र के रूप में देखता है, उद्देश्यों को सामने रखा-कि प्रौद्योगिकी को लोगों के जीवन को बदलना चाहिये, और इसे हमारे लोकतंत्र को बदलना चाहिये, प्रौद्योगिकी को शासन प्रक्रिया को बदलना चाहिये। लोग मुझसे भारत के संदर्भ में तकनीक के बारे में बात करने के लिए कहते हैं। मैं कहता हूं कि ग्रह पर कोई भी ऐसा देश नहीं है, जहां तकनीक प्रतिदिन, अंदर और बाहर, एक अरब 20 करोड़ लोगों के जीवन को बहुत ही मौलिक आधार पर बदल रही है। मुझे लगता है कि यह भारतीय तकनीक की कहानी है और कैसे, पिछले नौ वर्षों में, हमने एक डिजिटल अर्थव्यवस्था बनायी है जो अब नवप्रवर्तन कर रही है, नवाचार, यूनिकॉर्न और स्टार्टअप बना रही है।

मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक सांसद के रूप में अपने पिछले अनुभवों की चर्चा करते हुये पिछले नौ वर्षों में एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में भारत के उद्भव को रेखांकित किया।

मंत्री महोदय ने कहा, “ आज हमारे देश की क्षमताओं को देखते हुये, जहां हम अभी हैं, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि भविष्य में, भारत जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप जैसे देशों के साथ खड़ा होगा। लेकिन हम निश्चित रूप

से वे मूकदर्शक नहीं रहेंगे, जैसे हम 14-15 साल पहले थे। दुनिया भर के सबसे छोटे देश भी भारत की ओर देख रहे हैं और कह रहे हैं, ‘क्या हम उस तकनीक को ओपन-सोर्स तरीके से आपसे ले सकते हैं, ताकि हम भी ऐसा कर सकें।’ इसे लागू करें और उसी तरह का पारिस्थितिकी तंत्र बनायें?”

डीपफेक से उत्पन्न खतरों के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के बयानों के अनुरूप श्री राजीव‌‌

चंद्रशेखर ने सभी नागरिकों के लिये इंटरनेट को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाये रखने के लिये भारत सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम एक मोड़ पर हैं। अगर हम इसे जारी रहने दें तो हम किसी ऐसी चीज़ के शिखर पर हैं, जो बेहद सुंदर, बड़ी और समावेशी हो सकती है। लेकिन हमें सावधान रहना होगा, हर तकनीकी चीज़ में नुकसान है, आपराधिकता है, बुरा करने वाले लोग हैं। डीपफेक का उपयोग करना आज बेहद आसान है। कृत्रिम मेधा किसी वीडियो को प्रामाणिक बना सकती है। इसलिये यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है हम जल्द ही एक मानक संचालन प्रक्रिया लागू करेंगे। हम ऐसा भविष्य भी देखते हैं, जहां हम शिकायत और प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बना देंगे। हम जब शिकायत प्रक्रिया को डिजिटल बनाते हैं, हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सरकार शिकायत में एक पक्ष हो। इससे शिकायत पर मुकदमा चलाने में मदद मिलेगी और किसी भी नागरिक को अपने भाग्य पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने इसे पिछले साल अक्टूबर में देखा था। उन्होंने गलत सूचना की ताकत देखी। ”