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जीएमआईएस 2023 के साथ भारत आत्मविश्वास से हरित टिकाऊ परिवहन की ओर आगे बढ़ रहा है: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल

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नई दिल्ली,19 अक्टूबर। दुनिया के सबसे बड़े समुद्री शिखर सम्मेलनों में से एक, ग्लोबल इंडियन मैरीटाइम समिट (जीएमआईएस) 2023 में दूसरे दिन 2.37 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ। दिन के दौरान बंदरगाह विकास और आधुनिकीकरण, हरित हाइड्रोजन और अमोनिया, बंदरगाह आधारित विकास, उद्योग और वाणिज्य, जहाज निर्माण, ज्ञान साझाकरण और बंदरगाह कनेक्टिविटी जैसे समुद्री क्षेत्र के विभिन्न उद्योगों में लगभग 70 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। सतत विकास पर केंद्रित समझौता ज्ञापनों पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्रीपद नायक और शांतनु ठाकुर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर समारोह के बाद कहा कि “ग्लोबल इंडियन मैरीटाइम समिट, 2023 में आज ₹2.37 लाख करोड़ के रिकॉर्ड निवेश और रिकॉर्ड संख्या में 70 एमओयू पर हस्ताक्षर के साथ देश के सतत विकास में एक नए युग की शुरुआत हुई है। समुद्री क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है क्योंकि इसने भारत के लिए हरित टिकाऊ परिवहन की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने पिछले 9 वर्षों में ऐतिहासिक विकास का अनुभव किया है। समुद्री क्षेत्र कोई अपवाद नहीं है क्योंकि हम भावी विकास के विभिन्न आयामों पर प्रमुखता से जोर दे रहे हैं। मोदीजी के प्रेरक नेतृत्व में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। अब, मोदी जी ने हमें भारत की विकास गाथा को आगे बढ़ाने का एक और लक्ष्य दिया है। जीएमआईएस इसे प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और मुझे 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में बहुत सारे विचार और ज्ञान साझा करने में खुशी हो रही है।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इटली, तंजानिया और श्रीलंका के मंत्रियों के साथ मंत्री स्तरीय द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। पहली बैठक इटली के उप मंत्री, बुनियादी ढांचे और परिवहन (बंदरगाह मंत्री) एडोआर्डो रिक्सी के साथ थी। इस बैठक में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी. के. रामचंद्रन भी उपस्थित थे। दोनों मंत्री दोनों देशों के बीच मजबूत समुद्री संबंध बनाने के लिए चिन्हित उद्योगों पर समुद्री सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। दूसरी बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ज़ांज़ीबार, तंजानिया के ब्लू इकोनॉमी और मत्स्य पालन मंत्री सुलेमान मसूद मैडम से मुलाकात की। तीसरी बैठक में, श्रीलंका के बंदरगाह, जहाजरानी एवं विमानन मंत्री सिरीपाला डी सिल्वा ने केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच समुद्री संबंधों को और मजबूत और प्रगाढ़ करने के लिए कई मुद्दों पर चर्चा की।

ग्लोबल मैरीटाइम काउंसिल इंडिया (जीएमआईएस) का दूसरा दिन जानकारीपूर्ण सत्रों की एक श्रृंखला द्वारा चिह्नित किया गया। इसमें हरित शिपिंग और बंदरगाहों से लेकर शिपिंग और समुद्री रसद में नई प्रथाओं तक विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया। भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की अध्यक्षता में पहले सत्र में एक टिकाऊ और पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार भविष्य के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप शिपिंग क्षेत्र की भूमिका पर चर्चा शुरू हुई। इसके बाद भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर की अध्यक्षता में शिपिंग एवं समुद्री लॉजिस्टिक्स और ड्रेजिंग में नवीनतम रुझानों से संबंधित सत्र आयोजित किए गए। भारत सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मल्टीमॉडल आर्थिक गलियारों के एक एकीकृत तत्व के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों को विकसित करने पर वर्चुअल तरीके से विचार-विमर्श किया। इस दौरान परिवहन के पसंदीदा साधन के रूप में तटीय शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियों और रोडमैप पर चर्चा की गई।

भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद येसो नायक ने सत्र के दौरान क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों और पहलों पर प्रकाश डाला।

जीएमआईएस, 2023 का दूसरा दिन चाबहार पोस्ट के साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने में इसकी भूमिका और आईएनएसटीसी (इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर) में इसके समावेश पर एक गोलमेज सम्मेलन के साथ संपन्न हुआ। इसकी सह-अध्यक्षता सर्बानंद सोनोवाल और विदेश राज्य मंत्री एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने की।

राष्ट्रीय जलमार्ग 2 (ब्रह्मपुत्र) के माध्यम से समुद्री व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए भारत बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (आईबीसीसीआई) और ए टू जेड एग्जिट के बीच यहां एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन भारत और बांग्लादेश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में विभिन्न बिंदुओं पर माल ढुलाई की संभावना तलाशने के लिए एक रूपरेखा तैयार करता है। यह पहल भारत में बंदरगाहों का उपयोग करके भारत, बांग्लादेश और किसी अन्य देश से या भूटान से माल आयात करने के लिए आवश्यक व्यापार की मात्रा को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी।

इससे पहले, सम्मेलन के पहले दिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन सत्र के दौरान ₹18,800 करोड़ की 21 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें ₹3.24 लाख करोड़ के 34 एमओयू शामिल थे। इसमें ₹1.8 लाख करोड़ की हरित परियोजनाएं और ₹1.1 लाख करोड़ की बंदरगाह विकास और आधुनिकीकरण परियोजनाएं शामिल हैं। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री अमृत काल विजन 2047 लॉन्च किया, जो 2047 तक भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अमृत काल के अगले 25 वर्षों के लिए समुद्री क्षेत्र के विकास का रोडमैप तैयार करेगा। वैश्विक आर्थिक गलियारे पर गोलमेज बैठक में 33 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और 17 भारतीय कंपनियों के सीईओ सहित विभिन्न देशों के 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत विभिन्न देशों के 10 मंत्री कार्यक्रम के मंच पर मौजूद थे। जीएमआईएस, 2023 के विभिन्न सत्रों में 10 देशों के 21 मंत्रियों ने भाग लिया।