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वर्ष 2025 तक ‘टीबी मुक्त भारत’ बनाने के लिए एकीकृत रणनीति के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी आवश्यक : डॉ. जितेंद्र सिंह

डॉ. जितेंद्र सिंह ने एसएमवीडी नारायण हेल्थकेयर टीबी मुक्त एक्सप्रेस (चलो चले टीबी को हराने) को दिखाई हरी झंडी

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नई दिल्ली,18 सिंतबर। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘टीबी मुक्त भारत’ हासिल करने के लिए एकीकृत रणनीति के साथ सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) आवश्यक है जो प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की वर्ष 2025 तक ‘टीबी मुक्त भारत’ की प्रतिबद्धता से प्रेरित है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उधमपुर में ‘चलो चले टीबी को हराने’ के नारे के साथ माता वैष्‍णो देवी नारायण हेल्थकेयर (एसएमवीडी) टीबी मुक्त एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाते हुए यह कहा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन करने के भारत के प्रयास दुनिया के लिए आदर्श हैं। उन्होंने नागरिकों से जनभागीदारी की सच्ची भावना से टीबी उन्मूलन की दिशा में सामूहिक रूप से कार्य करने का आग्रह भी किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, टीबी के कारण होने वाले गहरे सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को देखते हुए, भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक ‘टीबी मुक्त भारत’ को उच्च प्राथमिकता दी है और जैव प्रौद्योगिकी टीबी के उन्मूलन के खिलाफ एकीकृत समग्र स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण में एक बड़ी भूमिका निभाने जा रही है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, निजी क्षेत्र की भागीदारी, सक्रिय मामले की खोज, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के माध्यम से सेवाओं का विकेंद्रीकरण, सामुदायिक भागीदारी और नि-क्षय पोषण योजना जैसी रणनीतियों ने भारत के टीबी प्रबंधन प्रयासों को बदल दिया है और इसे रोगी के प्रति केंद्रित कर दिया है।

कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2025 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के टीबी मुक्त भारत के दृष्टिकोण को पूर्ण करने के लिए अपने संसदीय क्षेत्र में उनके द्वारा गोद लिए गए टीबी रोगियों को दैनिक जरूरतों की पूर्ति के लिए किट भी वितरित किए।

कार्यक्रम में उपायुक्त, उधमपुर, सलोनी राय और जिला विकास परिषद (डीडीसी) के अध्यक्ष, उधमपुर, लाल चंद भी उपस्थित थे।