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`भारत का नेतृत्व राष्ट्र को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है- पीयूष गोयल

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नई दिल्ली, 16 सितंबर। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत का नेतृत्व, देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है और नवीकरणीय ऊर्जा इस प्रयास में केंद्रीय भूमिका निभाती है। आज नई दिल्ली में ‘एमएनआरई-सीआईआई: स्वच्छ ऊर्जा पर चौथा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी’ में ‘वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला सुदृढ़ता को हासिल करने में भारत को भागीदार के रूप में स्थापित करना’ विषय पर आयोजित सत्र में मुख्य भाषण देते हुए, मंत्री ने जी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा में उल्लिखित रूपरेखा – स्वच्छ, सतत, न्यायसंगत, किफायती और समावेशी ऊर्जा स्रोतों में बदलाव – से जुडे परिणामों को लागू करने पर बल दिया।

श्री पीयूष गोयल ने भारत मध्य-पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा, हरित हाइड्रोजन और परिवहन संपर्क परियोजनाओं जैसी पहलों के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व, सीमाओं को तोड़ने और दुनिया को एक साथ लाने के लिए देश की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत न केवल वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भाग लेना चाहता है, बल्कि दुनिया को अधिक स्थाई, समावेशी और आपस में जुड़ी व्यवस्था के निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान देना चाहता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए कहा, “व्यवसायों का सफलतापूर्वक सीमाओं के पार विस्तार हो गया है, लेकिन अब व्यवसायों को निचले स्तर से ऊपर ले जाने का समय आ गया है। इसे आपूर्ति श्रृंखला की सुदृढ़ता और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करके पूरा किया जा सकता है।

श्री गोयल ने उपस्थित लोगों से नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को क्रियान्वित करके वैश्विक बाजार के बड़े हिस्से का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के विषय के आधार पर, हम स्वच्छ ऊर्जा, नवाचार और विनिर्माण को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक चैंपियन बनाने पर विचार कर रहे हैं। नवाचार वह कुंजी है, जो वास्तव में भारत के दूरदर्शी और आधुनिक दृष्टिकोण को रेखांकित करती है।

श्री गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के पास दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए इंजीनियरिंग विशेषज्ञता और क्षमता मौजूद है, चाहे वह इंजीनियरिंग, परामर्श के माध्यम से हो या इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) अनुबंधों के माध्यम से हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के पास नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विश्व का अग्रणी देश बनने का अवसर है। उन्होंने बड़ी कंपनियों से वैश्विक स्तर पर ऊर्जा स्रोतों में बदलाव के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग और साझेदारी करने का आग्रह किया।

श्री गोयल ने गर्व से प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की जी20 अध्यक्षता के बारे में बात की, जिससे भारत को उभरते बाजारों का समर्थन करने और उनके मुद्दों को सामने लाने का अवसर मिला है। उन्होंने आर्थिक अवसर पैदा करने, नौकरियों का सृजन करने और लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने से जुड़े देश के प्रयासों की सराहना की। जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने तथा सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए जी20 निर्णयों में स्वच्छ ऊर्जा पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत तय किए गए लक्ष्यों, जो अभूतपूर्व हैं, को हासिल करने के लिए कार्य करने में जुट गए हैं। उन्होंने इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सभी हितधारकों से सक्रिय भागीदारी करने और योगदान देने का आग्रह किया। श्री गोयल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री अफ्रीकी देशों को जी20 में ला पाने में सफल रहे और यह खुशी की बात है कि ब्राजील भी इसी राह पर आगे बढ़ने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जी20 अब भारत और विकासशील देशों में आम आदमी के जीवन पर प्रभाव डालने वाला मंच बन गया है।

श्री गोयल ने सतत विकास और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कम लागत पर वित्तपोषण प्रदान करने वाले आर्थिक विकास बैंकों के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिससे आर्थिक अवसर पैदा होंगे और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।