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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

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नई दिल्ली, 15अगस्त। आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली में लालकिले के प्राचीर से देश को संबोधित किया. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कई मुद्दों को छुआ. उन्होंने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराने के बाद भाषण की शुरुआत की तो वह एक के बाद एक कई मुद्दों पर बोलते चले गए. अगर आप कोई बड़ी बात सुनना भूल गए हों तो परेशान न हों, हम आपको उनके भाषण की 10 बड़ी बातें यहां बता रहे हैं.

10 बड़ी बातें…
1. लोकतंत्र की मजबूती के लिए परिवारवाद से मुक्ति जरूरी है. परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभा का दुश्मन होते हैं, योग्यता को नकारते हैं.

2. विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू होगी और इसके लिए 13-15 हजार करोड़ खर्च किया जाएगा. हमारी सरकार गरीबों को समर्पित है.

3. आज भारत पुराने ढर्रे, पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है. हमारी सरकार जिनका शिलान्यांस करती है, उनका उद्घाटन भी करती है. आज मैं जो शिलान्यांस कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी आपने मेरे लिए ही छोड़ रखा है.

4. देश में 8 करोड़ लोगों ने व्यवसाय शुरू किया और हर व्यवसायी कम से कम 1-2 लोगों को रोजगार दे रहा है.

5. मणिपुर में मां-बहनों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ, कई लोगों ने जीवन खोया. देश मणिपुर के लोगों के साथ है, शांति से ही रास्ता निकलेगा.

6. 100 स्कूल ऐसे हैं जहां के बच्चे सैटलाइट बनाकर सैटलाइट छोड़ने की दिशा में हैं. मैं देश के नौजवानों से कहना चाहता हूं कि अवसरों की कमी नहीं है, आप जितना अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से भी ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है.

7. पिछले 1000 वर्षों में जब देश किसी न किसी अक्रांता का गुलाम रहा. उस समय आजादी के लिए अनेक महापुरुषों, महिलाओं, बच्चों ने अपना सब कुछ लगा दिया. खोई हुई समृद्धि को वापस पाना है.

8. हमें गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलना होगा. आज के फैसले 1000 साल का रूट तय करेंगे. आज हम ऐसे कालखंड में जी रहे हैं, हमारा सौभाग्य है कि हम आजादी के अमृतकाल में जी रहे हैं.

9. नए संकल्पों के साथ देश आगे बढ़ रहा है. सबसे ज्यादा युवा शक्ति भारत के पास, सामर्थ्य देश का भाग्य बदलता है.

10. हमारा सौभाग्य है, कुछ ऐसी चीजें हमारे साथ हैं, जो पूर्वजों से हमें मिली हैं. आज हमारे पास 3D है यानी डेमोक्रेसी, डायवर्सिटी और डेमोग्राफी हैं.