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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए आरबीआई द्वारा घोषित महत्वपूर्ण कदमों का स्वागत किया

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श्री अमित शाह ने कहा कि एक वर्ष से भी कम की अवधि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता क्षेत्र के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं जिनकी जरुरत इस क्षेत्र को लम्बे समय से थी

भारतीय रिज़र्व बैंक ने सहकारी क्षेत्र के लिए तीन बहुत महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों की घोषणा की है—

सर्वप्रथम, शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को दोगुना व् ग्रामीण सहकारी बैंकों की सीमा को दोगुना से अधिक किया गया है

इस निर्णय से अब टियर 1 अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों (UCB) के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को ₹30 लाख से बढ़ाकर ₹60 लाख, टियर 2 UCB के लिए ₹70 लाख से बढ़ाकर ₹1.40 करोड़ और ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) की सीमा को 20 लाख व 30 लाख से बढाकर क्रमश 50 लाख व 75 लाख किया गया है

दूसरे प्रमुख निर्णय में ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) को Commercial Real Estate Residential Housing क्षेत्र को ऋण देने की अनुमति दी गयी है

तीसरे प्रमुख निर्णय में अब शहरी सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों को कमर्शियल बैंकों की तरह ही Door Step Banking की सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी गयी है

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र के विकास को नई गति देने वाले निर्णयों के लिए सहकारिता मंत्रालय और इस क्षेत्र से जुड़े करोड़ो लोगों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ

सहकारिता क्षेत्र में देश के किसान, कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास और सशक्तिकरण की अपार संभावनाएं हैं, इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है

अब प्रतिस्पर्धी बैंकिंग क्षेत्र में सहकारी बैंकों को भी लेवल प्लेयिंग फील्ड मिलेगा

सहकारी बैंकों के माध्यम से आवास क्षेत्र में ऋण प्रवाह में वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों में बढोतरी होगी, पूंजी निर्माण और रोजगार सृजन बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था में गुणक प्रभाव होगा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए आरबीआई द्वारा घोषित महत्वपूर्ण कदमों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज मुझे ये बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है भारतीय रिज़र्व बैंक ने सहकारी क्षेत्र के लिए तीन बहुत महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों की घोषणा की है-

सर्वप्रथम, शहरी सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को दोगुना किया गया है। इस निर्णय से अब टियर 1 अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों (UCB) के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा को ₹30 लाख से बढ़ाकर ₹60 लाख, टियर 2 UCB के लिए ₹70 लाख से बढ़ाकर ₹1.40 करोड़ और ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) की सीमा को 20 लाख व 30 लाख से बढाकर क्रमश 50 लाख व 75 लाख किया गया है।

दूसरे प्रमुख निर्णय में ग्रामीण सहकारी बैंकों (RCB) को Commercial Real Estate Residential Housing क्षेत्र को ऋण देने की अनुमति दी गयी है जिससे हमारे ग्रामीण सहकारी बैंकों का दायरा और बढेगा और साथ ही लोगों को किफायती घर देने के संकल्प को भी गति मिलेगी।

तीसरे प्रमुख निर्णय में अब शहरी सहकारी बैंकों को अपने ग्राहकों को कमर्शियल बैंकों की तरह ही Door Step Banking की सुविधा प्रदान करने की अनुमति दी गयी है। इस निर्णय से अब प्रतिस्पर्धी बैंकिंग क्षेत्र में सहकारी बैंकों को भी लेवल प्लेयिंग फील्ड मिलेगा और वो भी अन्य बैंकों की तरह ग्राहकों को घर-घर जाकर बैंकिंग सुविधाएं दे पायेंगे। सहकारी बैंकों के माध्यम से आवास क्षेत्र में ऋण प्रवाह में वृद्धि से आर्थिक गतिविधियों में बढोतरी होगी, पूंजी निर्माण और रोजगार सृजन बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था में गुणक प्रभाव होगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि एक वर्ष से भी कम की अवधि में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता क्षेत्र के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं जिनकी जरुरत इस क्षेत्र को लम्बे समय से थी। इस क्षेत्र के विकास को नई गति देने वाले निर्णयों के लिए सहकारिता मंत्रालय और सहकारिता क्षेत्र से जुड़े करोड़ो लोगों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद से सहकारिता क्षेत्र की कई पुरानी मांगों और समस्याओं का समाधान किया गया है। ये फैसले सहकारी बैंकों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करेंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में देश के किसान, कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के विकास और सशक्तिकरण की अपार संभावनाएं हैं, इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र के साथ सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।