सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने 20 मई, 2022 को अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग के उत्खनन कार्य के समापन के लिए सफलतापूर्वक “विस्फोट” किया। बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसे नई दिल्ली से संचालित किया। परियोजना की आधारशिला रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर, 2020 को रखी थी।
नेचिफू सुरंग, 5,700 फीट की ऊंचाई पर, पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारदुआर-तवांग (बीसीटी) रोड पर 500 मीटर लंबी “डी-आकार, सिंगल ट्यूब डबल लेन सुरंग” है। सुरंग में दोनों तरफ से यातायात की सुविधा होगी और इसमें आधुनिक तरीके से रोशनी और सुरक्षा सुविधाएं होंगी। सुरंग की कल्पना नेचिफू दर्रे के आसपास अत्यधिक धुंधली परिस्थितियों से छुटकारा दिलाने के लिए की गई है, जो कई दशकों से सामान्य यातायात और सैन्य काफिले में बाधा उत्पन्न कर रही है। सुरंग को अग्निशामक उपकरणों ऑटो रोशनी प्रणाली और पर्यवेक्षी नियंत्रण तथा डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए) नियंत्रित निगरानी प्रणाली सहित एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम प्रदान किया जाएगा। पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए दोनों तरफ उठे हुए फुटपाथ बनाए गए हैं जिसमें नागरिकों को सुविधाएं देने के लिए पावर केबल्स, ऑप्टिकल फाइबर केबल्स और उपयोगी लाइनें लगी होंगी।
नेचिफू सुरंग परियोजना के साथ एक के पीछे एक, बीआरओ के परियोजना वर्तक ने 22 जनवरी, 2022 को उसी सड़क पर एक और रणनीतिक सुरंग, ट्विन ट्यूब (1,555 मीटर और 980 मीटर) “सेला टनल प्रोजेक्ट” पर खुदाई का काम भी पूरा कर लिया है। अत: आज किया गया विस्फोट दो साल से भी कम समय में बीआरओ कर्मयोगियों ने 4,500 मीटर से अधिक का संचयी उत्खनन करने की उपलब्धि हासिल की है।
एक बार सेवा में आने के बाद, सेला सुरंग के साथ नेचिफू सुरंग पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील इस क्षेत्र में कार्बन फुट प्रिंट को कम करते हुए बीसीटी रोड पर सुरक्षित, सभी मौसम में रणनीतिक सम्पर्क प्रदान करेगी। वर्तमान सुरंग निर्माण को कमजोर और अत्यधिक टूटी-फूटी चट्टानों की परतों से काटकर पूरा किया जा रहा है। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) के अनुसार सख्त 3डी मॉनिटरिंग और वांछित सुरंग सहायता प्रणालियों के अत्यधिक सक्रिय उपयोग से दैनिक आधार पर इससे जुड़ी चुनौतियों से निपटा जा रहा है।
बीआरओ पिछले दो वर्षों में देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से जुड़े अचंभे कर लगातार सफलता प्राप्त कर रहा है। इसने अटल सुरंग के अलावा, हिमाचल प्रदेश में रोहतांग, उत्तराखंड में चंबा सुरंग अत्यधिक ऊंचाई और पहाड़ों में सफलतापूर्वक सुरंगें खोदने के साथ बड़े पैमाने पर सुरंगें बनाने का काम किया है जिन्हें पिछले दिनों राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। सीमा सड़क संगठन अनेक छोटी सुरंगों के निर्माण में भी लगा हुआ है, जिन्हें संगठन से जुड़े श्रम बल की मदद से बनाया जाएगा।