राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आज ‘शी द चेंज मेकर’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। इस अवसर पर आयोग ने ‘वीमेन एक्स्ट्राऑर्डिनेयर’ यानी उन असाधारण महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाया, जिन्होंने सभी बाधाओं को चुनौती देने के रूप में चुना और अत्यधिक धैर्य और दृढ़ संकल्प के माध्यम से अपना रास्ता तैयार किया।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव श्री इंदेवर पांडे और राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने भाग लिया।
शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा के अनुसार महिलाओं का हमेशा सम्मान किया जाता रहा है। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि प्राचीन भारत में, महिलाओं ने कला और युद्ध सहित हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री के प्रयास और परिकल्पना दीर्घावधि में महिलाओं के समग्र विकास के लिए है। सरकार का ‘’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’’ अभियान लड़कियों और लड़कों के लिए समान शिक्षा को बढ़ावा देने में बहुत अधिक प्रभावी साबित हुआ है।”
अध्यक्ष सुश्री रेखा शर्मा ने कहा कि महिलाएं काफी आगे आ चुकी हैं और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए हर दिन महिला दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। सुश्री शर्मा ने कहा, “एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी होने से लेकर एक अभियान चलाने, कई पहल शुरू करने, पहाड़ों पर चढ़ने, मिसाइलों को लॉन्च करने से लेकर एक उपलब्धि की रिपोर्ट करने तक, और भी बहुत कुछ, महिलाओं ने दुनिया भर में हर क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित की है।”
सभा को संबोधित करते हुए, श्री इंदेवर पांडे ने कार्यबल में महिलाओं की अधिक भागीदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वाली महिलाओं की भूमिका बदलने की आवश्यकता है। श्री पांडे ने कहा, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि महिलाओं को किसी के लिए काम करने के बजाय महिलाओं को अन्य लोगों को अपने साथ काम करने के लिए शामिल करना चाहिए।”
महिला दिवस के अवसर पर आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों की असाधारण महिलाओं को सम्मानित किया और उनकी उपलब्धियों का उत्सव मनाया। एनसीडब्ल्यू की ‘वीमेन एक्स्ट्राऑर्डिनेयर’ में, डॉ. टेसी थॉमस, “मिसाइल वुमन ऑफ इंडिया” और महानिदेशक (वैमानिकी प्रणाली), डीआरडीओ; डॉ. कल्पना सरोज, पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता और अध्यक्ष, कमानी ट्यूब; न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एस. विमला, चेन्नई महिला न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला; अनीता कुंडू, भारतीय और चीनी दोनों पक्षों से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला; इशरत अख्तर, कश्मीर की पहली अंतरराष्ट्रीय व्हीलचेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) की पहली अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक वर्तिका शुक्ला शामिल थीं। सफल महिलाओं ने पैनल चर्चा में दर्शकों के साथ अपनी प्रेरक गाथाएं साझा की।
महिला दिवस समारोह के भागा के रूप में, आयोग ने राज्य महिला आयोगों के सहयोग से भारत के विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय महिला संसद और नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किए। लड़कियों और महिलाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों पर त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और हरियाणा सहित विभिन्न राज्य आयोगों के सहयोग से नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया है।
आयोग ने तेलंगाना, हरियाणा और गोवा सहित विभिन्न राज्य महिला आयोगों के साथ महिलाओं के लिए राष्ट्रीय संसद का भी आयोजन किया। महिला दिवस समारोह के एक भाग के रूप में विभिन्न सरकारी योजनाओं, अधिनियमों, लड़कियों और महिलाओं के पोषण के विषयों पर सत्र आयोजित किए गए।