सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने वाले पर जुर्माना लगे – यति नरसिंहानंद महामंडलेश्वर।
विपक्ष लोकतंत्र एवं संविधान का मजाक उड़ा रहा है --चंदेल

नई दिल्ली 8 अप्रैल । जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद महाराज एवं श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के प्रवक्ता महंत गुरुजी राजू चंदेल ने आज संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों से बात करते हुए यति नरसिंहानंद महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा ने कहा कि जब मान्य देश के दोनों सदनों ने बकफ बोर्ड में संशोधन बिल को पास कर दिया है, और उसे पर देश के सर्वोच्च पद पर बैठे महामहिम राष्ट्रपति ने इसकी स्वीकृति दे दी है वह भी संवैधानिक रूप से आज इस संविधान का मजाक उड़ाने के लिए विपक्ष के नेता जिस प्रकार सुप्रीम कोर्ट का रुख किए हुए हैं और मान्य सुप्रीम कोर्ट का कीमती समय बर्बाद कर रहे हैं ऐसी पार्टी में डाल पर मान्य सुप्रीम कोर्ट से में पुरजोर मांग करता हूं कि इन पार्टियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाए क्योंकि यह पार्टियों संविधान का मजाक उड़ा रही है।
महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा यति नरसिंहानंद जी ने कहा कि देश का बंटवारा पहले ही जाति के नाम पर कर दिया गया था तो बकफ बोर्ड जैसी बीमारी का भारत में क्या काम है जिस भी व्यक्ति को बकफ बोर्ड चाहिए वह पाकिस्तान चला जाए हमारे भी लोगों की बहुत सी जमीन पाकिस्तान में पड़ी है उसे पर तो कोई हिंदू बोर्ड नहीं बना तो भारत में बकफ बोर्ड की कोई आवश्यकता नहीं भारत में तो हिंदू सनातन बोर्ड होना चाहिए और जितनी भी क बोर्ड ने जमीन कब्जाई है उसे हिंदू सनातन बोर्ड में शामिल किया जाना चाहिए।
इस मौके पर श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के प्रवक्ता महंत गुरु जी राजू चंदेल ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जो बिल संविधान के दायरे में संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया हो उसको दोबारा से चुनौती देना अ सवैधानिक बताते हुए कहा कि हम संविधान में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं परंतु विपक्ष के लोग इस तरह संविधान को चुनौती देने का जो कार्य कर रहे हैं इससे बड़ा संविधान का कोई अपमान नहीं हो सकता।
श्री चंदेल ने कहा कि लगातार विपक्ष संविधान का मजाक उड़ाता चला रहा है और आज हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की गौरव यात्रा यात्रा मना रहे हैं यही लोग हैं संसद में संविधान की प्रशन को जलाते हैं और फटते भी हैं ऐसे लोगों पर संविधान का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग भारत में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को नहीं मानते उनको भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं ऐसे लोगों को भारत छोड़कर चले जाना चाहिए।