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पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों की मांग, आतंकियों को ऑन द स्पॉट मारो, जल्द बदला चाहता है

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पहलगाम
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके अलावा, 17 लोग हमले में घायल हो गए। दहशतगर्दों ने पहलगाम घूमने आए पर्यटकों को धर्म पूछकर गोली बरसाई। इस हमले से देशभर में गुस्सा है और जल्द बदला चाहता है। पीड़ितों के परिजनों ने भी इस नृशंस कृत्य के दोषियों के लिए कठोर सजा की मांग की है। हमले में मारे गए नीरज उधवानी के चाचा भगवान दास ने कहा कि आतंकवादियों को ऑन द स्पॉट मार दिया जाना चाहिए, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो।

मीडिया से कहा, "आतंकवादी हमले में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी भी वहां थीं, वह सुरक्षित हैं। वे वहां छुट्टियां मनाने गए थे। हम सरकार से मांग करते हैं कि दोषियों को मार दिया जाए… मैं कहता हूं कि आतंकवादी को, चाहे उसका धर्म या जाति कुछ भी हो, मौके पर ही मार दिया जाना चाहिए।" पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ित अतुल मोने की भाभी राजश्री अकुल ने भी मांग की कि सरकार बिना देरी किए आतंकवादियों को कड़ी सजा दे।

आतंकवादियों ने सुशील नथानियल (58) की भी गोली मारकर हत्या कर दी, जो ईस्टर मनाने के लिए अपनी पत्नी, बेटी और बेटे के साथ जम्मू-कश्मीर गए थे। उनके चचेरे भाई संजय कुमरावत ने 'पीटीआई' को बताया, ''हमने सुशील नथानिएल की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की है। उन्होंने हमें बताया कि आतंकवादियों ने सुशील का नाम पूछा और उसे घुटने टेकने के लिए मजबूर किया, फिर उन्होंने उससे कलमा पढ़ने के लिए कहा। जब सुशील ने कहा कि वह कलमा नहीं पढ़ सकते, तो आतंकवादियों ने उसे गोली मार दी।'' उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कुमरावत ने कहा, "कश्मीर में कायराना हमला कर 26 निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि यह पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल बने।"

राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बुधवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। सूत्रों ने बताया कि करीब ढाई घंटे चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. के. सिंह शामिल थे। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई भी बैठक में शामिल हुए।