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आईपीएल आयोजनों को लेकर जयदीप बिहाणी ने जताई आपत्ति, बोले – क्रीड़ा परिषद रच रही आरसीए को कमजोर करने की साजिश

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जयपुर

राजस्थान क्रिकेट संघ की एडहॉक कमेटी के अध्यक्ष और विधायक जयदीप बिहाणी ने जयपुर में चल रहे आईपीएल आयोजनों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष आईपीएल के आयोजन को निजीकरण की ओर ले जाकर न केवल आरसीए को इस प्रक्रिया से अलग कर रहे हैं, बल्कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त आरसीए एडहॉक कमेटी को अस्थिर करने की साजिश भी रच रहे हैं।

बिहाणी ने कहा कि राज्य सरकार ने खेलों के विकास और पारदर्शिता हेतु आरसीए एडहॉक कमेटी का गठन किया था, जो बीसीसीआई की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं सहित पुरुष व महिला खिलाड़ियों के लिए विभिन्न आयु वर्गों में सफलतापूर्वक आयोजन कर रही है। उन्होंने कहा कि आरसीए हमेशा से आईसीसी और बीसीसीआई के अंतरराष्ट्रीय मैचों की सफल मेजबानी करता आया है, लेकिन अब उसे जान-बूझकर आयोजन से बाहर किया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि क्रीड़ा परिषद ने आरसीए एडहॉक कमेटी को न केवल आयोजन प्रक्रिया से बाहर रखा, बल्कि उन्हें एक्रिडेशन कार्ड तक नहीं दिए गए, जबकि मनमाने तरीके से एक जिला संघ के सचिव को कार्ड जारी कर दिया गया। यह आरसीए की अवहेलना और साजिश का प्रतीक है।

बिहाणी ने यह भी कहा कि पूर्व में आरसीए ही जयपुर में आईपीएल मैचों का आयोजन करता था और सीएमओ, मंत्रिमंडल, अधिकारियों, पूर्व खिलाड़ियों और जिला संघों को पास उपलब्ध कराता था। अब आरसीए को दरकिनार कर कॉम्प्लीमेंटरी पास निजी लोगों को और पसंदीदा जिला संघों को दिए जा रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष आरसीए को अस्थिर करने के लिए कभी नई कमेटियां गठित कर रहे हैं, तो कभी एडहॉक कमेटी को सिर्फ चुनाव कराने तक सीमित बताकर उसकी भूमिका को कम कर रहे हैं। यदि ऐसा होता तो सरकार द्वारा इस कमेटी का कार्यकाल पांच बार क्यों बढ़ाया जाता? आरसीए एडहॉक कमेटी ने पूर्व आरसीए कार्यकारिणी द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं की 368 पृष्ठों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर एफआईआर दर्ज करवाई थी। उन्होंने सवाल किया कि यदि क्रीड़ा परिषद इतनी ही सजग थी, तो उस एफआईआर पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

बिहाणी ने कहा कि आरसीए के पिच क्यूरेटर तपोश चटर्जी और ग्राउंड स्टाफ अपने उच्च स्तरीय उपकरणों के साथ दिन-रात स्टेडियम की देखरेख में जुटे हैं, लेकिन आरसीए को उनके उपकरणों और स्टाफ के लिए कोई भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान रॉयल्स और क्रीड़ा परिषद की यह हठधर्मिता आरसीए को कमजोर करने की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।

राजस्थान रॉयल्स पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जयपुर में राजस्थान रॉयल्स का पिछला मैच जिस तरह से हारा गया, वह संदेह के घेरे में है और इससे राज्य के युवा खिलाड़ियों के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बिहाणी ने कहा कि आरसीए एडहॉक कमेटी ने राज्य में सफल और ऐतिहासिक प्रतियोगिताएं आयोजित की हैं और खिलाड़ियों के भविष्य को संवारने का कार्य किया है। क्रीड़ा परिषद द्वारा उसे केवल चुनाव की भूमिका तक सीमित करना और नई कमेटियों का गठन करना न केवल खेल हितों के विरुद्ध है, बल्कि सरकार के आदेशों की भी अवमानना है।