Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

CG के इन 7 जिलों में येलो अलर्ट, गरज चमक के साथ बारिश, 19 जिलों में बूंदाबांदी के आसार

25
Tour And Travels

रायपुर

सोमवार को मौसम विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ घंटों के भीतर इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।बेमेतरा, बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कोरबा, मुंगेली के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

सोमवार को मौसम विभाग ने प्रदेश के 7 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ घंटों के भीतर इन इलाकों में तेज हवाओं के साथ गरज-चमक और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।बेमेतरा, बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कबीरधाम, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कोरबा, मुंगेली के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

छत्तीसगढ़ में अगले 48 घंटों में अधिकतम तापमान में 2 डिग्री की गिरावट होने की संभावना है। इसके बाद आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में 2 – 3 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है।

रविवार का मौसम

राजधानी रायपुर में रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 0.5 डिग्री अधिक रहा. न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 0.9 डिग्री अधिक यानी 25.5 डिग्री दर्ज किया गया. रात में ठंडाकता महसूस की गई. सोमवार को मौसम में हल्की धूप-छांव बनी रहेगी. मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान थोड़ा और बढ़ सकता है.

बिलासपुर में पारा गिरा

बिलासपुर में रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम 38 डिग्री सेल्सियस रहा. रात का तापमान 24.7 डिग्री दर्ज किया गया. मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटों में यहां तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी और राहत मिल सकती है.

सरगुजा संभाग में भी बारिश का असर

सरगुजा संभाग के कुछ हिस्सों में भी बूंदाबांदी हुई, जिससे तापमान में गिरावट आई. अंबिकापुर में रविवार को अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री कम रहा, हालांकि न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 0.5 डिग्री अधिक रहा.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर

छत्तीसगढ़ के मौसम बदलाव की वजह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस साइक्लोनिक सर्कुलेशन को माना जा रहा है. ये सिस्टम उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर मध्य भारत तक है, जिससे छत्तीसगढ़ भी प्रभावित हुआ है. इससे गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना बढ़ी है साथ ही तापमान में अस्थायी गिरावट भी देखने को मिल रही है.