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पाकिस्तान स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता प्राप्त होने के बावजूद विदेशी प्रभाव में है, अपने ही देश पर क्यों भड़के पाक नेता

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इस्लामाबाद
मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक नेता अल्ताफ हुसैन का 237वां संबोधन टिकटॉक पर प्रसारित हुआ। इसमें वह पाकिस्तान सरकार की कड़ी आलोचना करते नजर आए। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता प्राप्त होने के बावजूद विदेशी प्रभाव में है। अल्ताफ हुसैन ने पाकिस्तान की स्थिति पर गहरी चिंता जताई और इसे गुलामी का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान को एक आजाद मुल्क के तौर पर दुनिया में मान्यता मिली हुई है, लेकिन हकीकत में यह आज भी विदेशी ताकतों के प्रभाव में है। साथ ही, अंदरूनी तौर पर सत्तावादी हुकूमत के नीचे दबा हुआ है। यह 230 मिलियन गुलामों का देश है।'

अल्ताफ हुसैन ने कहा कि मैं इन गुलाम लोगों की गुलामी को खत्म करने और सच्ची आजादी के लिए जद्दोजहद कर रहा हूं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की हालत ऐसी है कि इसे एक मजाक कहना भी गलत नहीं होगा। यह मुल्क अपने लोगों को आजादी देने में नाकाम रहा है।' एमक्यूएम नेता ने अपने संबोधन में विदेशी ताकतों के हस्तक्षेप पर जोर देते हुए कहा, 'यह मुल्क अपनी मर्जी से नहीं चलता। बाहर की ताकतें इसे कंट्रोल करती हैं। अंदरूनी तौर पर सैन्य और सत्ताधारी तबके ने इसे अपने कब्जे में रखा है।'

जिन्ना की मौत पर किया बड़ा दावा
एमक्यूएम नेता ने दावा किया कि पाकिस्तान के संस्थापक कायदे-आजम मुहम्मद अली जिन्ना को धीरे-धीरे जहर देकर मारा गया। उन्होंने कहा कि पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान का भी यही अंजाम हुआ। उन्होंने फातिमा जिन्ना के साथ हुए व्यवहार की भी निंदा की और कहा कि चुनावी धांधली, चरित्र हनन और जनरल अयूब खान की सैन्य तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाने के कारण उनकी हत्या हुई। वर्तमान घटनाओं पर बोलते हुए हुसैन ने विपक्षी नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ हो रहे व्यवहार की कड़ी आलोचना की। उन्होंने महिला प्रदर्शनकारी महरंग बलोच की गिरफ्तारी और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के अख्तर मेंगल के नेतृत्व में लंबे मार्च पर कार्रवाई को शर्मनाक बताया।