वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा चारा घोटाले में दोषियों से 950 करोड़ रुपये की वसूली कर सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा

पटना
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चारा घोटाला मामले में नीतीश सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। बताया जा रहा है कि बिहार सरकार चारा घोटाले की 950 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोर्ट जाएगी। इस मामले में सीबीआई और इंकम टैक्स से बातचीत करेगी। यानी 1990 के दशक में जो लोग चारा का पैसा डकार गए, उनपर सरकार शिकंजा कसने की तैयारी में है।
यहां याद दिला दें कि चारा घोटाला मामले में पटना हाई कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपने के दौरान उस घोटाले की रकम वसूली की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। यह वसूली दोषियों की संपत्ति जब्त कर वसूला जाना था। लेकिन करीब ढाई दशक बीत जाने के बाद भी घोटाले का एक भी रुपये सरकारी खजाने में नहीं पहुंचा है।
बता दें कि पशुपालन विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ था कि विभाग में 950 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इस मामले में जून 1997 में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव आरोपी बनाए गए थे। इस घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का भी नाम शामिल था।
बताया जा रहा है कि अगर नीतीश सरकार चारा घोटाले की रकम वापस लाने की कोशिश करती है तो देशभर में यह एक बड़ी पहल होगी। इतना ही नहीं, सरकार इसपर कोई पुख्ता कदम उठाती है तो वह चुनावी साल में बड़ा चुनावी मुद्दा भी बन सकता है। साथ ही इस मामले में जो भी राजनेता संलिप्त रहे हैं उनके नाम को जनता के बीच नये सिरे से उछाला जा सकेगा।
हालांकि यह मामला अभी कोर्ट में है, इसलिए बिहार सरकार पूरी तैयारी के साथ कदम उठाने के प्रयास में है। यहां बता दें कि चारा घोटाला का मामला बिहार और झारखंड दोनों राज्यों से जुड़ा रहा है। ऐसे में दोषियों से 950 करोड़ रुपये की वसूली करना इतना आसान नहीं होगा। इसका दूसरा पहलू यह है कि उस वक्त का 950 करोड़ रुपये की रकम मौजूदा वक्त में कितनी होगी यह भी बड़ा सवाल है।