
पटना
बिहार पर एक बार फिर केंद्र सरकार ने मेहरबानी दिखाई। बिहार की कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल करने को मंजूरी दी गई। परियोजना की अनुमानित लागत 6,282.32 करोड़ रुपये है, जिसमें बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता शामिल है, जिसे मार्च, 2029 तक पूरा किया जाएगा। मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर (ईकेएमसी) का 41.30 किलोमीटर तक पुनर्निर्माण और ईकेएमसी का विस्तार मेची नदी तक 117.50 किलोमीटर तक किया जाएगा। अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 2,10,516 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ मौसम में अतिरिक्त वार्षिक सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पूर्वी कोसी मुख्य नहर के मौजूदा कमांड में आपूर्ति में कमी को बहाल किया जाएगा। मानसून अवधि के दौरान महानंदा कमांड में 2050 मिलियन क्यूबिक मीटर कोसी जल का डायवर्जन किया जाएगा।
कोसी-मेची इंटर स्टेट लिंक प्रोजेक्ट पर मेहरबानी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने बिहार की कोसी मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना को जल शक्ति मंत्रालय की प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना/त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के अंतर्गत शामिल करने को मंजूरी दे दी है। सीसीईए ने 6,282.32 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना को मार्च, 2029 तक पूरा करने के लिए बिहार को 3,652.56 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को भी मंजूरी दी है।
बिहार में सिचाई को विस्तार मिलने की उम्मीद
कोसी-मेची अंतर-राज्यीय संपर्क परियोजना में मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर (ईकेएमसी) के पुनर्निर्माण के माध्यम से बिहार में स्थित महानंदा बेसिन में सिंचाई के विस्तार के लिए कोसी नदी के अधिशेष जल के एक हिस्से को मोड़ने और ईकेएमसी को आरडी 41.30 किमी पर इसके अंतिम छोर से आगे आरडी 117.50 किमी पर मेची नदी तक विस्तारित करने की परिकल्पना की गई है, ताकि बिहार से होकर बहने वाली कोसी और मेची नदियों को बिहार के भीतर एक साथ जोड़ा जा सके।
सीमांचल में 2 लाख हेक्टेयर में होगी सिंचाई
लिंक परियोजना से बिहार के अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में खरीफ सीजन में 2,10,516 हेक्टेयर अतिरिक्त वार्षिक सिंचाई उपलब्ध होगी। इस परियोजना में प्रस्तावित लिंक नहर के माध्यम से कोसी के लगभग 2,050 मिलियन क्यूबिक मीटर अधिशेष जल को मोड़ने/उपयोग करने की क्षमता है। इसके अलावा, मौजूदा ईकेएमसी के पुनर्निर्माण के बाद, मौजूदा पूर्वी कोसी मुख्य नहर के 1.57 लाख हेक्टेयर मौजूदा कमांड में कमी वाली आपूर्ति बहाल हो जाएगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्या है?
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) वर्ष 2015-16 के दौरान शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेतों तक पानी की भौतिक पहुंच बढ़ाना और सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना, खेतों में जल उपयोग दक्षता में सुधार करना, स्थायी जल संरक्षण पद्धतियों को लागू करना है। भारत सरकार ने 2021-26 के दौरान 93,068.56 करोड़ रुपये (37,454 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता) के समग्र परिव्यय के साथ पीएमकेएसवाई के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है। पीएमकेएसवाई का त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (एआईबीपी) घटक प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से सिंचाई क्षमता का निर्माण करना है।
पीएमकेएसवाई-एआईबीपी के अंतर्गत अब तक 63 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और अप्रैल, 2016 से 26.11 लाख हेक्टेयर की अतिरिक्त सिंचाई क्षमता सृजित की गई है। 2012-22 से पीएमकेएसवाई 2.0 के एआईबीपी घटक के बाद नौ परियोजनाओं को शामिल किया गया है। कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना सूची में शामिल दसवीं परियोजना है।