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अजित पवार ने बताया- मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना में बदलाव किए जाएंगे, बाहर होंगी लाखों महिलाएं

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मुंबई
महाराष्ट्र में महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने वाली लाडकी बहिन योजना में बड़ा बदलाव होने वाला है। इसके तहत ऐसी लाखों महिलाओं को लिस्ट से बाहर किया जा सकता है, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है या फिर वे खुद बढ़िया कमा रही हैं। वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में बताया कि इस स्कीम को खत्म नहीं किया जाएगा, लेकिन मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना में बदलाव जरूर किए जाएंगे। इस स्कीम को लेकर कई विधायकों ने चिंता जताई थी, जिसके जवाब में अजित पवार ने बदलाव की बात कही। अजित पवार ने कहा, 'ऐसे नागरिक जो कमजोर आर्थिक वर्ग से नहीं आते हैं, उन्हें भी इस स्कीम का लाभ मिल रहा है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि राज्य सरकार जल्दबाजी में स्कीम लाई थी।' दरअसल चुनाव से पहले ही एकनाथ शिंदे के सीएम रहते हुए यह स्कीम लॉन्च हुई थी।

चुनाव के दौरान महायुति ने वादा किया था कि सत्ता में लौटने के बाद इस रकम को बढ़ाकर 2100 किया जाएगा, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। इस बीच सरकार ने यह ऐलान जरूर कर दिया है कि स्कीम की समीक्षा होगी और अपात्रों को बाहर किया जाएगा। हालांकि अजित पवार ने अपात्र लोगों को भी एक राहत दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से रकम की रिकवरी नहीं की जाएगी, जिन्हें अपात्र होने के बाद भी योजना का लाभ मिला। अजित पवार ने कहा कि हम स्कीम से खुद किसी को बाहर करने से पहले अपील करेंगे कि जो लोग भी आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वे इसका लाभ न लें। यह ऐसे ही होगा, जैसे पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी।

देवेंद्र फडणवीस ने सीएम बनने के बाद ही कहना था कि इस स्कीम के तहत पात्रों की सूची की समीक्षा की जाएगी। उनका कहना था कि बड़ी संख्या में अपात्र लोग भी इस सूची में शामिल हैं। अजित पवार का लिस्ट की समीक्षा करने वाला बयान तब आया है, जब कहा जा रहा है कि सरकार के पास फंड की ही कमी है। दरअसल बड़ी राशि लाडकी बहिन योजना में ही खर्च हो रही है। ऐसे में इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाओं को पीछे धकेलना पड़ रहा है। बीते दिनों सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने कहा था कि सरकार ने 7000 करोड़ रुपये की रकम उनके विभाग से निकालकर लाडकी बहिन योजना के लिए आवंटित की है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने इस स्कीम के लिए 46 हजार करोड़ रुपये का फंड रखा था। लेकिन 2025-26 में इसके लिए 36 हजार करोड़ का फंड ही निर्धारित किया गया है।