Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा के लिए बड़ा फैसला, सरकार की परमिशन के बिना टीचर को नौकरी से नहीं हटा सकते : High Court

15
Tour And Travels

 इंदौर
 अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षकों को स्कूल प्रबंधन शासन की अनुमति बगैर नौकरी से नहीं हटा सकते। इस टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने माहेश्वरी हायर सेकंडरी स्कूल की अपील निरस्त कर दी।

मामला जीवविज्ञान संकाय के शिक्षक एसके व्यास का है। नवंबर 1974 में उन्हें स्कूल में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्ति मिली थी। वर्ष 1991 में उन्हें शासन के नियमों के तहत लेक्चरर पद पर पदोन्नति दे दी गई।

नौकरी से हटा दिया था
व्यास को यह पदोन्नति मप्र अशासकीय शिक्षण संस्था अधिनियम के तहत दी गई थी। वर्ष 2005 में स्कूल ने अचानक व्यास को यह कहते हुए नौकरी से हटा दिया कि स्कूल में कक्षा 11वीं और 12वीं में जीवविज्ञान संकाय में कोई एडमिशन नहीं हुआ है, इसलिए स्कूल को उनकी आवश्यकता नहीं है।

स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की

व्यास ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की। वर्ष 2007 में इसका निराकरण करते हुए कोर्ट ने व्यास को दोबारा नियुक्ति के आदेश दिए, लेकिन स्कूल ने इस फैसले को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील कर दी।

न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति गजेंद्रसिंह की युगलपीठ ने स्कूल की अपील को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने बगैर शासन से अनुमति प्राप्त किए शिक्षक को नौकरी से हटाया, यह सही नहीं है।