
यूक्रेन
कुछ दिन पहले अमेरिका बुलाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के प्रेजिडेंट वोलोदोमिर जेलेंस्की को जिस तरह बेइज्जत किया, उससे यूरोप और पूरी दुनिया आशंकित हो गई थी कि ट्रंप जल्द ही यूक्रेन को पूरी तरह से रूस में मिलाने के लिए आतुर हैं। तीखी बहस का आलम यह था कि जेलेंस्की को बिना खाना खिलाए वाइट हाउस से बाहर भेज दिया गया। हालांकि, हफ्तेभर बाद ही ट्रंप का दिल यूक्रेन पर पिघल गया है। सऊदी अरब में अमेरिका और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता यूक्रेन के नजर से सफल रही। यूक्रेन युद्ध में 30 दिन का सीजफायर और अमेरिका द्वारा रोकी गई सभी सहायता को फिर से चालू करने पर सहमति बन गई है। अब आगे की बात रूस पर टिकी है।
अमेरिका और यूक्रेन के बीच बनी सहमति रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नजरिए से झटका मिलने जैसा है। बैठक से एक दिन पहले पुतिन ने आशंका भी जता दी थी कि ट्रंप पर भरोसा नहीं किया जा सकता। क्रेमलिन ने रूसियों को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रंप के फैसलों से अभी यह उम्मीद करना गलत है कि रूस कामयाबी की राह पर है। पुतिन का डर सही साबित हुआ है।
सऊदी अरब वार्ता में क्या हुआ
सऊदी अरब में अधिकारियों की बैठक के बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि यूक्रेन अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार है, जिसके तहत "तत्काल, अस्थायी 30-दिनों के संघर्षविराम को लागू किया जाएगा, जिसे दोनों पक्षों की आपसी सहमति से बढ़ाया जा सकता है।"
ट्रंप ने कहा- पुतिन को भी मनाएंगे
ज़ेलेंस्की ने टेलीग्राम पर कहा कि संघर्षविराम प्रस्ताव "30 दिनों के लिए पूरी तरह से युद्धविराम स्थापित करेगा, जिसमें न केवल मिसाइल, ड्रोन और बमबारी शामिल होगी, बल्कि काला सागर और पूरे मोर्चे पर भी संघर्ष रोका जाएगा।" ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रूस संघर्षविराम योजना को स्वीकार करेगा। साथ ही, उन्होंने संकेत दिया कि अमेरिका रूस के साथ बुधवार को बैठक करेगा।
अमेरिका का सभी सहायता देने का वादा
वार्ता में हुई प्रगति के बाद, अमेरिका ने घोषणा की कि वह "खुफिया साझाकरण पर लगाई गई रोक को तुरंत हटाएगा और यूक्रेन को सुरक्षा सहायता फिर से प्रदान करेगा।" अमेरिका ने पिछले सप्ताह यह सहायता निलंबित कर दी थी, जिससे यूक्रेन की रूसी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने, मिसाइल हमलों से बचाव और हमले करने की क्षमता प्रभावित हुई थी।
ट्रंप और जेलेंस्की में कैसे बनी सहमति
अमेरिका और यूक्रेन के संयुक्त बयान से संकेत मिलता है कि यह समझौता फिर से पटरी पर आ गया है और दोनों देश "यूक्रेन की महत्वपूर्ण खनिज संपदाओं के विकास के लिए जल्द से जल्द एक व्यापक समझौता करने पर सहमत हुए हैं, ताकि यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जा सके और उसके दीर्घकालिक समृद्धि और सुरक्षा की गारंटी दी जा सके।"