Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश ‘बेटियां अपनी मां के साथ हैं, तो अवैध हिरासत नहीं’…

17
Tour And Travels

 जबलपुर
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने कहा कि बेटियां अपनी मां के साथ हैं, तो अवैध हिरासत नहीं मानी जा सकती। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ पिता की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका निरस्त कर दी।

कोर्ट ने साफ किया कि यह प्रकरण अवैध हिरासत का नहीं, बल्कि वैवाहिक विवाद का है। राजधानी भोपाल अंतर्गत नवीन नगर निवासी लोकेश पटेल ने आरोप लगाया था कि ससुराल पक्ष से रूपेश चौरसिया सहित अन्य ने पत्नी नेहा पटेल व दो नाबालिग बेटियों को बंधक बना लिया है। लिहाजा, मुक्त कराया जाए।

हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान भोपाल पुलिस को दोनों नाबालिग बेटियों को पेश करने के निर्देश दिए थे। पुलिस ने दोनों नाबालिग बेटियों को उनकी मां के साथ न्यायालय में पेश किया।

पत्नी नेहा ने हाई कोर्ट को बताया कि कुछ व्यक्तिगत मुद्दों के कारण वह याचिकाकर्ता पति के साथ रहने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने खुद ही दोनों बेटियों के साथ पति का घर छोड़ दिया है। वह अपने पति के घर नहीं जाना चाहती हैं।

हाई कोर्ट ने अनावेदक पत्नी के जवाब को रिकॉर्ड में लेते हुए अपने आदेश में कहा कि यह अवैध हिरासत का नहीं, बल्कि वैवाहिक विवाद का मामला है। याचिकाकर्ता को वैवाहिक मुद्दों के लिए कानून के अनुसार उचित कार्यवाही की स्वतंत्रता है।