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एक्ट्रेस रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस में बड़ा अपडेट, नेताओं की भूमिका कठघरे में खड़ी की

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बेंगलुरु

वही गोल्ड, वही स्मगलिंग और वही दुबई से कनेक्शन. पांच साल पहले केरल में जो गोल्ड स्मगलिंग से जुड़ा विवाद हुआ, वही अब कर्नाटक में भी देखने को मिल रहा है. उस समय नेताओं की संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठे थे और आज फिर नेताओं की भूमिका कठघरे में खड़ी की जा रही है.

दरअसल, कर्नाटक में कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव स्मगलिंग केस चर्चा में है. रान्या राव को 3 मार्च को दुबई से सोने की तस्करी के आरोप में बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तारी किया गया. उनके कब्जे से 15 किलो सोना बरामद हुआ. इसकी कीमत करीब 12.56 करोड़ रुपये आंकी गई. जांच में रान्या के राजनीतिक कनेक्शन सामने आए हैं. रान्या के फोन में कई नेताओं और पुलिस अफसरों के कॉन्टेक्ट नंबर मिले हैं, इनमें वर्तमान और पूर्व मंत्री के नाम भी शामिल हैं. राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) इस बात की जांच कर रहा है कि क्या इन प्रभावशाली लोगों को रान्या की गतिविधियों के बारे में पता था. अब संगठित नेटवर्क से संभावित कनेक्शन खंगाला जा रहा है.

कर्नाटक मामले में बीजेपी ने क्या दावा किया है?

बीजेपी ने मांग की है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार तस्करी रैकेट से जुड़े उस मंत्री के नाम का खुलासा करे. प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया तस्करी रैकेट में कथित रूप से शामिल मंत्रियों के नामों का खुलासा करें. उन्होंने दावा किया कि रान्या ने हाल के महीनों में 30 से ज्यादा बार विदेश यात्रा की और लौटने पर उसे पूरा प्रोटोकॉल दिया गया. विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की बेटी होने के नाते रान्या के प्रभाव ने उसे एयरपोर्ट पर पुलिस एस्कॉर्ट समेत स्पेशल ट्रीटमेंट दिलाया.

रान्या राव आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं. रामचंद्र, वर्तमान में कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम के पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं.

बीवाई विजयेंद्र ने आगे कहा कि अगर रान्या को सुरक्षा जांच से छूट दी गई थी तो यह मंत्रियों समेत शक्तिशाली व्यक्तियों की संलिप्तता को दर्शाता है. हवाला ऑपरेटरों, सोने की तस्करी करने वाले माफिया और राजनेताओं में विधायक और पूर्व मंत्री शामिल हैं, जिन्होंने ऐसी गतिविधियों का सपोर्ट किया, उनके नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए.

'रान्या ने कांग्रेसी मंत्रियों से संपर्क करने की कोशिश की'

बीजेपी विधायक भरत शेट्टी ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के दो मंत्रियों ने हस्तक्षेप किया और रान्या को कानूनी झमेले से बचाने में मदद करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, अपनी गिरफ्तारी के दौरान रान्या ने कई कांग्रेसी मंत्रियों से संपर्क करने का प्रयास किया. अब यह लगभग सार्वजनिक हो चुका है कि उनमें से दो ने हस्तक्षेप किया था. सीबीआई जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी.

बीजेपी ने इसे केरल जैसा मामला बताया

बीजेपी नेता सीटी रवि ने मामले से जुड़े सभी पॉलिटिकल कनेक्शन की जांच की मांग की और रान्या के तस्करी कारोबार से जुड़े 50 लाख रुपये के गिफ्ट की खबरों पर सवाल उठाए. उन्होंने इस घोटाले की तुलना केरल में हुए एक ऐसे ही मामले से की और पूछा कि क्या कर्नाटक में भी अब ऐसा ही मामला सामने आ रहा है.

कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा

वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने अपने कार्यकाल के दौरान रान्या की फर्म को स्टील प्लांट के लिए जमीन आवंटित की थी. मंत्री एमबी पाटिल ने स्पष्ट किया कि रान्या से जुड़ी कंपनी क्षिरोडा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 12 एकड़ भूमि स्वीकृत की गई थी, लेकिन भूमि कभी आधिकारिक रूप से आवंटित नहीं की गई क्योंकि फर्म जरूरी भुगतान करने में विफल रही.

कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने बीजेपी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और पूछा कि कंपनी को ट्रैक रिकॉर्ड ना होने के बावजूद जमीन क्यों दी गई. उन्होंने कहा, वो उद्योगपति है या तस्कर? इससे साबित होता है कि बीजेपी की उससे गहरी सांठगांठ है. कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले उन्हें इसका जवाब देना चाहिए.

मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार एएस पोन्नन्ना ने भी कहा, जमीन का आवंटन बीजेपी के शासन में हुआ था. अगर विजयेंद्र कांग्रेस के मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें पहले बीजेपी के उस मंत्री का नाम बताना चाहिए, जिसने इस सौदे को मंजूरी दी थी.

रान्या के कॉल रिकॉर्ड खंगाल रहीं एजेंसी

फिलहाल, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. रान्या के कॉल रिकॉर्ड और अन्य डेटा का एनालिसिस किया जा रहा है. रान्या ने अदालत में दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया और उनकी सहमति के बिना दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उन पर अनुपालन करने के लिए दबाव डाला. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि रान्या ने पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया.

केरल का क्या मामला है?

तारीख- 5 जुलाई, 2020. केरल का तिरुवनंतपुरम. यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने 30 किलोग्राम से ज्यादा वजन वाले सोने से भरे बैग को जब्त किया. इस गोल्ड की कीमत करीब 15 करोड़ रुपये थी. सोना राजनयिक बैगेज के अंदर था और यूएई वाणिज्य दूतावास को भेजा गया था. आरोप था कि यूएई वाणिज्य दूतावास के एडमिन अताशे को सोने से भरी खेप दुबई से भेजी गई थी. मामले में एनआईए ने स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया.

सीमा शुल्क ने पकड़ा था सोने से भरा बैग

जांच में सामने आया कि ये गोल्ड एक तस्करी गिरोह का हिस्सा है जो राजनयिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति के नाम का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहा है. सोने की जब्ती ने बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया और केरल की सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार की नींव हिला दी. खासकर तब जब शीर्ष नौकरशाह एम. शिवशंकर का नाम चर्चा में आया. सीमा शुल्क विभाग और एनआईए ने एम. शिवशंकर से लंबी पूछताछ की. 23 नवंबर को कस्टम ने शिवशंकर को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले उन्हें सेवा से सस्पेंड किया गया. बाद में उन्हें जमानत मिल गई.

केरल सीएम के करीबी अफसर पर गिरी थी गाज

एम शिवशंकर, केरल के मुख्यमंत्री विजयन के करीबी अफसर रहे. उन्होंने सीएम के प्रधान सचिव और आईटी सचिव के तौर पर सेवाएं दीं. उनका मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के साथ कनेक्शन सामने आया था. मुख्यमंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव सीएम रवींद्रन से भी ईडी ने पूछताछ की थी. 2022 में एम शिवशंकर सेवा में वापस आ गए थे और उन्हें प्रमुख सचिव खेल के पद पर नियुक्त किया गया था.

हालांकि, एम शिवशंकर ने इस केस के बारे में एक किताब लिखी और दावा किया कि उन्होंने सोने की तस्करी की घटना में कोई हस्तक्षेप नहीं किया. स्वप्ना सुरेश को अनुचित लाभ नहीं दिया. वो यह जानकर हैरान रह गए कि स्वप्ना तस्करी में शामिल थी और उसने मुझे इस मामले में फंसाया. उनका आरोप था कि स्वप्ना सुरेश ने उन्हें iPhone देकर फंसाया. जबकि स्वप्ना सुरेश का कहना था कि किताब के दावे गलत हैं. वे करीबी दोस्त हैं. यहां तक ​​कि उन्होंने दुबई में बसने की योजना भी बनाई थी.

रान्या राव कौन हैं?

रान्या राव मॉडल और फ़िल्म एक्ट्रेस हैं। हालांकि, उनका फिल्मी करियर ज्यादा लम्बा नहीं चला। 2014 में कन्नड़ फिल्म माणिक्या से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत करने वाली रान्या ने तीन साल में ही फ़िल्मी दुनिया को बाय बोल दिया। माणिक्या में सेकण्ड हीरोइन के रोल से फिल्मी पर्दे पर उतरने वाली रान्या को तमिल फ़िल्म वाघा में लीड रोल मिला। उसके बाद 2017 में कन्नड़ फ़िल्म पटाकी में सेकण्ड हीरोइन का किरदार मिला। लेकिन इन तीनों ही फिल्मों को न तो सफलता मिली और न ही रान्या को कोई पहचान मिली। साल 2017 में उनका फिल्मी कैरियर खत्म हो गया। उसके बाद उन्हें अब तक कोई काम नहीं मिला।

पिता हैं DGP रैंक के अधिकारी

रान्या राव की निजी जिंदगी की बात कर लें तो वे कर्नाटका के चिकमंगलूर की रहने वाली हैं, उनकी एक बहन भी है। उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां ने फिलहाल राज्य में पुलिस हाउसिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष पद तैनात DGP रैंक के IPS अधिकारी रामचन्द्र राव से दूसरी शादी की। इस तरह रामचंद्र राव, रान्या के सौतेले पिता बन गए। चार महीने पहले रान्या ने पेशे से आर्किटेक्ट जतिन हुक्केरी से शादी कर ली और इसके बाद वो बेंगलुरु के लेवल रोड पर एक निजी अपार्टमेंट में रहने लगीं। इस अपार्टमेंट के 3rd फ्लोर पर रान्या का मकान है जिसका मासिक किराया साढ़े चार लाख रुपये है।

कैसे आईं शक के दायरे में?

DRI की अब तक पूछताछ में रान्या राव ने बताया है कि फिल्मों में काम न मिलने के बाद उन्होंने रियल एस्टेट में फ्री लांस कन्सलटेंट का काम शुरू कर दिया जिसके चलते उन्हें दुनिया के अलग-अलग देशों में जाना पड़ता था। उनके ज्यादा क्लाइंट्स दुबई में हैं। इसीलिए रान्या को कई बार दुबई जाना पड़ा। DRI ने इस केस को लेकर कोर्ट में रखी अपनी दलील में कहा है कि रान्या पिछले 1 साल में 28 बार दुबई गयीं। DRI की आंखों में रान्या तब खटकने लगीं जब रान्या ने 15 दिनों में 4 बार दुबई की यात्रा की। DRI को रान्या की एक्टिविटी पर शक हुआ और उस पर नजर रखी जाने लगी जिसके बाद पाँचवीं बार में वो पकड़ी गईं।

रान्या की तलाशी नहीं होती थी

यहां बड़ी बात ये है कि एयरपोर्ट से निकलते वक्त रान्या की किसी भी तरह की तलाशी नहीं होती थी क्योंकि उन्हें प्रोटोकॉल मिला हुआ था। प्रोटोकॉल के तहत जब भी वो एयरपोर्ट आती थीं तो एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन से प्रोटोकॉल पर्सन कॉन्स्टेबल बसवराजू वहां आते और रान्या को बिना किसी तलाशी के बाहर लेकर चले जाते थे। रान्या को ये प्रोटोकॉल इसीलिए दिया गया क्योंकि वो DGP रामचन्द्र राव की बेटी हैं। इस मामले के सामने आने के बाद कर्नाटका सरकार ने सीनियर IAS अधिकारी गौरव गुप्ता को ये जिम्मेदारी दी है कि वे एक सप्ताह के अंदर इस बात की जानकारी देंगे कि इस केस में किस तरह प्रोटोकॉल का दुरूपयोग किया गया और किसके कहने पर ये किया गया, DGP रामचंद्र राव की इसमें क्या भूमिका है। साथ ही सरकार ने CID को भी इस बात की जांच करने को कहा है कि पुलिसकर्मी जो प्रोटोकॉल देते थे इस केस में क्या उनका कोई रोल है?

प्रोटोकॉल देने के लिए रान्या ने दबाव डाला

डिविजनल DCP ने पुलिस कमिश्नर को दी गई अंतरिम रिपोर्ट में कहा है कि पुलिस स्टेशन पर प्रोटोकॉल देने के लिए रान्या ने दबाव डाला था। अपने पिता को शिकायत करने की धमकी देकर वो प्रोटोकॉल बुलवाती थी। सूत्रों के मुताबिक DCP की इस इंटरनल रिपोर्ट में लिखा है कि दुबई से लौटते समय हर बार रान्या प्रोटोकॉल की मांग करती थी। गिरफ्तारी वाले दिन भी रान्या ने फोन किया था। उस वक्त कॉन्स्टेबल बसवराजू ने कहा था कि कोई और VIP आ रहा है। उन्हें उनकी ड्यूटी करनी है। इस पर रान्या नाराज हो गयीं और कहा कि अगर प्रोटोकॉल नहीं मिला तो वे अप्पा जी यानी रामचंद्र राव से शिकायत कर देंगी जिसके बाद कॉन्स्टेबल बसवराजू ने रान्या को प्रोटोकॉल दिया। जब DRI ने रान्या राव को तलाशी के लिए रोका तो बसवराजू ने एतराज जताया और कहा कि इन्हें मत रोकिए ये DGP की बेटी हैं।

रान्या के पिता ने क्या कहा है?

DGP पुलिस हाउसिंग रामचंद्र राव ने अपनी सफाई में कहा कि रान्या की इस हरकत की वजह से वे खुद ही बहुत सदमे में हैं। जब से रान्या की शादी हुई है वे उससे सम्पर्क में नहीं है और जो कुछ भी हुआ है उसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं कि रन्या की शादी को तो सिर्फ 4 महीने हुए हैं, लेकिन रन्या लम्बे समय से दुबई जा रही थीं। तो क्या पिता रामचंद्र राव इस बात से भी अंजान थे। अपनी बेटी को प्रोटोकॉल देने के निर्देश क्या उन्होंने एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन को नहीं दिए थे। जांच के बाद DGP पिता की भी भूमिका दुनिया के सामने आ जायेगी

कैसे लीक हुई रान्या की इंफोर्मेशन?

अब सवाल ये भी है कि DRI की टीम ने रान्या को पाँचवी बार में ही क्यों पकड़ा इससे पहले वो 4 बार क्यों बच गयीं? सूत्रों की मानें तो इस बार DRI को स्पेसिफिक टिप मिली थी, इस सिलसिले में रन्या के पति जतिन की भूमिका की जांच की जा रही है, सूत्रों की मानें ने शादी के तुरंत बाद ही रन्या के दुबई जाने का सिलसिला शुरू हो गया। सूत्रों के मुताबिक रान्या तरुण राजू नाम के एक बिजनेसमैन के साथ लगातार बातें करती थीं और अपने पति जतिन को ये बताकर दुबई जाती थी कि वो अपने दोस्त तरुण से मिलने जा रही हैं। इस बात को लेकर दोनों में मनमुटाव हो गया और बात शादी तोड़ने तक पहुंच गई। सूत्रों की मानें तो तरुण को ही सबसे पहले इस बात का आभास हुआ कि रान्या की गतिविधियां संदिग्ध हैं और एक नेता के जरिये DRI दिल्ली तक ये बात पहुंचाई गई।

तरुण राजू भी गिरफ्तार

इस केस में DRI ने तरुण राजू को भी अरेस्ट कर लिया है। तरूण एक पाँच सितारा होटल मालिक के खानदान से है और DRI को शक है कि तरुण ही रान्या को सोने की तस्करी के काम में लेकर आया। भारत से सोना खरीदने के लिए दुबई पैसे भेजने से लेकर दुबई में सोना पहुंचाने तक का सारा काम तरुण देख रहा था। तरुण को जब पता चला कि प्रोटोकॉल के चलते रान्या बेंगलुरु एयरपोर्ट पर तलाशी से बच सकती है तो उसने रान्या को इस काम के लिए अपने साथ शामिल कर लिया।

खास किस्म का जैकेट और बेल्ट बनाया

सोने की तस्करी करने के लिए रान्या ने एक खास किस्म का जैकेट और बेल्ट बनाया था जिसमें वो सोने के बिस्किट छिपाकर लाती थीं। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें 1 किलो सोना लाने पर 1 लाख रुपये कमीशन मिलता था। हालांकि, पहले तरुण से पहचान को लेकर रान्या ने अनभिज्ञता जताई लेकिन जब तरुण को गिरफ्तार कर रान्या के सामने ले जाकर बिठा दिया गया तो रान्या को सब कुछ कुबूल करना पड़ा। फिलहाल तरुण DRI की कस्टडी में है और इस मुख्य आरोपी से पूछताछ में अभी और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

रान्या ने कर्नाटक के 2 मंत्रियों को फोन किया

गिरफ्तारी के बाद जब रान्या के फोन और लेपटॉप की जांच की गई तो वहां कई प्रभावशाली लोगों की जानकारी मिली हैं। सूत्रों के मुताबिक अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए रान्या ने कर्नाटका की कॉंग्रेस सरकार के 2 मंत्रियों को फोन भी किया था। अब BJP इन दोनों मंत्रियों का नाम लिए बगैर इनकी भूमिका की जांच की मांग कर रही है। 4 महीने पहले जब रान्या की शादी हुई तब CM सिद्धारमैया और होम मिनिस्टर G परमेश्वर सहित कई और नेताओं और मंत्रियों ने इसमें हिस्सा लिया था। जाहिर सी बात है कि DGP पिता के इनविटेशन पर ये सभी VIP शादी में आये थे। लेकिन अब इस बात की जांच की जा रही है कि क्या कुछ नेताओं के रान्या के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। इस मामले की जांच कर रही CBI ने मंगलवार को रान्या के घर की तलाशी ली। CBI उन VIP लोगों की एक लिस्ट बना रही है जिन्होंने रान्या को शादी के दौरान या फिर उससे पहले या बाद में महंगे-महंगे गिफ्ट दिए।

भाजपा शासन में 12 एकड़ जमीन की मंजूरी

बात सिर्फ कांग्रेस नेताओं की नहीं है। 2023 में BJP शासनकाल में रान्या की एक कंपनी को KIADB को 12 एकड़ जमीन की मंजूरी दे दी गयी। हालांकि, KIADB की जमीन की स्वीकृति में सालों साल लग जाते हैं लेकिन रान्या के केस में कंपनी के गठन के कुछ दिनों के भीतर ही उन्हें जमीन की मंजूरी दे दी गई। बिना पोलिटिकल कनेक्शन के ये सम्भव नहीं है। हालांकि, उस वक्त के CM बसवराज बोम्मई और उस वक्त के उद्योग मंत्री मुरुगेश निराणी दोनों ने इन आरोपों को खारिज करते हुए अपनी सफाई में कहा कि नियमों का पालन करते हुए और पूरी पारदर्शिता के साथ जमीन मंजूर की गई, लेकिन चूंकि तय समय पर रान्या की कंपनी राशि जमा नहीं कर पाई जिसके चलते जमीन का आवंटन नहीं हो पाया। CBI इन सब पहलुओं की भी जांच करेगी

दुबई से सोने की तस्करी क्यों होती है?

जानकार बताते हैं कि दुबई में मिलने वाले सोने की प्योरिटी ज्यादा होती है और हर किलो पर भारत की तुलना में 25 से 30 लाख का अंतर भी आता है। एक बात ये भी है कि दुबई से लाया गया सोना भारत में गहना बनाने के लिये की गई मिलावट के बाद डेढ़ गुणा हो जाता है। ऐसे में दुबई से स्मगल कर लाये गए सोने से बहुत मुनाफा होता है। ये बात भी साफ है कि दुबई से इतने बड़े पैमाने पर गोल्ड की तस्करी के लिए बड़ी मात्रा में हवाला के जरिये भी पैसे दुबई भेजे गए होंगे। DRI और CBI संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है। फिलहाल बेंगलुरु सेंट्रल जेल में कैद रान्या ने जमानत की अर्जी भी डाली है जिस पर बुधवार से सुनवाई शुरू होगी