Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

गृह मंत्रालय का ऐक्शन, जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन (JKIM) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया

24
Tour And Travels

नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 2 मुस्लिम संगठनों के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लिया है। प्रभावशाली धार्मिक नेता मिरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले अवामी एक्शन कमेटी (AAC) और शिया नेता मसरूर अब्बास अंसारी के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन (JKIM) पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इन संगठनों पर देश-विरोधी गतिविधियों, आतंकवाद का समर्थन करने और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। फारूक अलगाववादी संगठन ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं। वह कश्मीर में सबसे बड़ी और प्रभावशाली श्रीनगर की जामिया मस्जिद के मुख्य धार्मिक नेता भी हैं, जहां वे धार्मिक उपदेश देते हैं। अंसारी भी ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सीनियर मेंबर और कश्मीर के शिया नेता हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया, 'AAC अवैध गतिविधियों में लिप्त है। यह देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक है। JKIM भी अवैध गतिविधियों में शामिल है, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरनाक है। इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों और भारत-विरोधी प्रचार में शामिल रहे हैं।' मौजूदा तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत दोनों संगठनों पर पाबंदी लगा दी है, जो 5 साल तक जारी रहेगी।

दोनों संगठनों के खिलाफ क्यों लिया गया ऐक्शन
गृह मंत्रालय ने कहा कि AAC के नेताओं और सदस्यों पर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने में शामिल रहने का आरोप है। इसमें जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी, विभाजनकारी और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करना शामिल है। मंत्रालय ने कहा कि AAC और इसके सदस्य अपनी गतिविधियों से देश के संवैधानिक अधिकार और संवैधानिक ढांचे के प्रति अनादर दिखाते हैं। यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के लिए देश-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल है। यह लोगों के बीच असंतोष फैलाकर अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है। JKIM को लेकर गृह मंत्रालय ने कहा, 'इसके नेता और सदस्य अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने में शामिल रहे हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी, विभाजनकारी और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करना शामिल है।'