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आईपीएल 2025 के दौरान भारतीय खिलाड़ियों को कई और जिम्मेदारियों को भी निभाना पड़ सकता: BCCI

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नई दिल्ली
टीम इंडिया अभी तो दुबई में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 खेल रही है। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी सीधे इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल मे नजर आएंगे। हालांकि, आईपीएल 2025 के दौरान भारतीय खिलाड़ियों को कई और जिम्मेदारियों को भी निभाना पड़ सकता है। जनवरी के पहले सप्ताह को छोड़ दें तो टीम इंडिया ने व्हाइट बॉल क्रिकेट ही खेली है, लेकिन आईपीएल 2025 के बाद भारत को इंग्लैंड दौरे पर जाना है, जहां पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी। इस सीरीज की तैयारी भी बोर्ड कराना चाहता है।

चैंपियंस ट्रॉफी के बाद दो महीने तक आईपीएल में व्हाइट बॉल से क्रिकेट होगी। ऐसे में खिलाड़ियों को लाल गेंद वाली गतिविधियों में भी शामिल होना पड़ सकता है। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई आईपीएल सत्र के दौरान खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट, लाल गेंद के प्रारूप से जुड़े रहने के लिए रणनीति पर काम कर रहा है। यह संभावना है कि खिलाड़ियों को कभी-कभार लाल गेंद के अभ्यास सत्र में भाग लेने के लिए भी कहा जा सकता है, क्योंकि इंग्लैंड का दौरा अहम है।

बीसीसीआई का लक्ष्य न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से मिली टेस्ट सीरीज हार के सिलसिले को तोड़ना है। आईपीएल 22 मार्च से 25 मई तक चलेगा। इसके करीब 25 दिन बाद से भारतीय टीम को इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। पहला मैच 20 जून से हेडिंग्ले में खेला जाएगा। योजना का क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाएगा, इसका सटीक विवरण गोपनीय रखा जा रहा है, लेकिन ओवरलैपिंग सिस्टम के संबंध में कुछ प्रारंभिक बैठकें पहले ही हो चुकी हैं।

बीसीसीआई योजनाकारों के सहयोग से भारतीय टीम मैनेजमेंट के प्रमुख लोगों के बीच दुबई में चर्चा हुई, जहां खिलाड़ी वर्तमान में चैंपियंस ट्रॉफी अभियान में व्यस्त हैं। रविवार को दुबई में भारत-पाकिस्तान मैच के बाद निर्णयकर्ताओं के बीच इन मिश्रित गतिविधियों के रोडमैप पर संक्षिप्त चर्चा हुई। 9 मार्च को चैंपियंस ट्रॉफी के समापन के बाद अतिरिक्त बैठकें होने की उम्मीद है। आईपीएल दो सप्ताह से भी कम समय बाद शुरू होने वाला है। बीसीसीआई आईपीएल के दौरान खिलाड़ियों को अपनी-अपनी फ्रेंचाइजी के लिए खेलने पर फोकस करने देती है, लेकिन इस बार चीजें थोड़ी सी अलग हो सकती हैं।

बीसीसीआई के लिए चिंता का कारण यह भी है कि आईपीएल के बाद जितनी सीरीज भारत ने इंग्लैंड में खेली हैं, उनमें से ज्यादातर सीरीजों में हार मिली है। 2011 में भारत ने 4-0 से सीरीज गंवाई, 2014 में 3-1 से मेजबान जीते और 2018 में फिर से टीम इंडिया को 4-1 से हार झेलनी पड़ी। हालांकि, 2021 और 2022 में खेली गई सीरीज 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई। यही कारण है कि बीसीसीआई नई योजना पर विचार कर रही है।