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जेलेंस्की पर इतना क्यों भड़के ट्रंप, अमेरिकी पैसों से जंग लड़ी, एक कॉमेडियन ने करा दी बर्बादी

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वॉशिंगटन, मॉस्को
अमेरिका की सत्ता बदलते ही दुनिया भर में समीकरण बदलने लगे हैं। अब तक जो अमेरिका जंग में यूक्रेन के साथ दिख रहा था, वह अब रूस के पाले में नजर आ रहा है। सऊदी अरब की मध्यस्थता में रूस और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने बात की है तो वहीं डोनाल्ड ट्रंप इस पक्ष में हैं कि जंग को खत्म कर दिया जाए। यही नहीं उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी खूब खरी-खोटी सुनाई है। डोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की को युद्ध खत्म करने की सलाह दी थी। इसके बाद जेलेंस्की ने उन पर ही पलटवार किया था और कहा था कि वह रूस के भ्रमजाल में फंस गए हैं और इसलिए ऐसी बातें कर रहे हैं। वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि अमेरिका से बातचीत के आधार पर ही जंग को लेकर आखिरी फैसला होगा, लेकिन बातचीत में यूक्रेन को भी शामिल करने पर सहमति जताई।

जेलेंस्की ने डोनाल्ड ट्रंप पर हमला किया तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जेलेंस्की एक तानाशाह जैसा काम करते हैं, जो बिना चुनाव के ही सत्ता में बने हुए हैं। यही नहीं ट्रंप ने कहा कि एक कम सफल कॉमेडियन ने अमेरिकी पैसों की बर्बादी करके जंग छेड़ दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि 350 बिलियन डॉलर की रकम खर्च कर दी गई। यह पूंजी एक ऐसी जंग में लुटाई गई, जिसे अमेरिका और ट्रंप के बिना जीता नहीं जा सकता।

जेलेंस्की के वार पर ट्रंप ने खूब सुना डाला, तानाशाह तक बताया
उन्होंने कहा कि बिना इलेक्शन के ही एक तानाशाह की तरह वह सत्ता में बने हुए हैं। जेलेंस्की को या तो जंग खत्म कर देनी चाहिए या फिर वह देश ही खो देंगे। इस पर भी यूक्रेन की विदेश मंत्री आंद्री सिबिहा ने जवाब दिया है और कहा कि उनके देश को कोई सरेंडर नहीं करा सकता। हम अपने अस्तित्व के अधिकार की रक्षा करते रहेंगे।

जेलेंस्की से मिले डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत
डोनाल्ड ट्रंप के यूक्रेन मामलों के दूत कीथ केलोग से कीव में जेलेंस्की ने मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी दूत से कहा कि ट्रंप प्रशासन को पहले पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। इस बीच जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप पूरी तरह अमेरिकी मामलों पर फोकस करना चाहते हैं। ऐसे में वह चाहते हैं कि यूक्रेन, इजरायल जैसे देशों के साथ वह बहुत ज्यादा निवेश न करें। इसलिए वह युद्ध समाप्त करने पर ही फोकस कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्य़काल में भी व्लादिमीर पुतिन से अच्छे संबंध थे। माना जा रहा है कि इसी का फायदा उठाते हुए वह जंग खत्म कराना चाहते हैं। उन्होंने पिछली बार व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात भी की थी।