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रणजीत सागर बांध परियोजना की झील में जलस्तर लगातार घट रहा, गर्मी आने से पहले पंजाबियों के लिए खतरे की घंटी!

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पठानकोट
इस बार पहाड़ों व क्षेत्र में अच्छी बारिश न पड़ने के कारण जहां गेहूं की फसल पर असर पड़ रहा है, वहीं रणजीत सागर बांध परियोजना की झील में जलस्तर लगातार घट रहा है, जिससे आर. एस. डी. बांध प्रशासन ने बिजली का उत्पादन बहुत कम कर दिया है, जिससे निचले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी भी बहुत कम छोड़ा जा रहा है।

हालांकि बांध प्रशासन की ओर से बिजली उत्पादन भी रुक-रुक कर किया जा रहा है, फिर भी जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। उल्लेखनीय है कि बांध परियोजना से प्रतिदिन 40 से 50 लाख विजली यूनिट उत्पादन किया जा रहा था, जो इस वर्ष नीचे तक आ गया है और केवल 15 लाख यूनिट उत्पादन हो रहा है जिससे सिंचाई के लिए पानी कम छोड़ा जा रहा है।  बांध प्रशासन के अनुसार इस वर्ष बारिश कम पड़ने का प्रभाव झील के जलस्तर पर पड़ रहा है, जिससे रोज 4 में से 1 ही यूनिट को कुछ घंटों के लिए चलाया जा रहा है।

परियोजना के ऊपर बने चमेरा हाइटल प्रोजेक्ट से भी बिजली उत्पादन रोक दिया गया है, जहां से केवल 500 क्यूसिक पानी झील में आ रहा है। शाहपुरकंडी बैराज बांध से माधोपुर हेडवकों से यू.बी.टी.सी. नहर में  2704 क्यूसिक कश्मीर कैनाल में 150 व इस्लामपुर नहर में 150 क्यूसिक पानी ही छोड़ा जा रहा है, जबकि एम.बी. लिंक नहर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा, जो राजस्थान तक जाती है। बांध प्रशासन के अनुसार यदि शीघ्र अच्छी बारिश न हुई तो जलस्तर और भी कम होने की संभावना है, जिससे सीधे तौर पर बिजली के उत्पादन के साथ सिंचाई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।