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सैंटोरिनी द्वीप पर लगातार आ रहे भूकंप के चलते आपात स्थिति घोषित, दो हफ्ते में 7,700 बार भूकंप के झटके

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एथेंस
 ग्रीस के खूबसूरत सेंटोरिनी द्वीप पर भूकंप का आना लगातार जारी है। पर्यटकों की पंसदीदा इस जगह पर पिछले दो हफ्तों में 7,700 से ज्यादा बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। इनमें कई दफा भूकंप की तीव्रता 5.0 के आसपास रही है। इस स्थिति को देखते हुए क्षेत्र में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। यहां आए सभी पर्यटकों को निकाल लिया गया है, जबकि कई इलाकों से स्थानीय लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। भूकंपों का असर सेंटोरिनी के ज्वालामुखी पर भी पड़ा है। इस घटनाक्रम ने सेंटोरिनी के लोगों को 1956 के भयावह भूकंप की याद दिला दी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेंटोरिनी में भूकंप का दौर 26 जनवरी से शुरू हुआ। इसके बाद से लगातार भूकंप आ रहे हैं। सबसे ज्यादा झटके इस हफ्ते मंगलवार को आए, जब एक ही दिन में 1300 बार धरती हिली। इनमें से कुछ की तीव्रता 4.9 से 5.0 तक थी। इससे लोगों में दहशत फैली हुई है। ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने सेंटोरिनी के हालात का जायजा लिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है, लोग शांति बनाए रखें।

ज्वालमुखी का भी डर

भूकंप का असर सेंटोरिनी के ज्वालामुखी पर भी देखा गया है। सैटेलाइट से मिले रडार डेटा के आधार पर थेसालोनिकी के एरिस्टोटल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर माइकलिस फॉउमेलिस ने बताया है कि हमें ज्वालामुखी में कुछ बदलाव दिख रहे हैं। पहले यह शांत था लेकिन अब इसमें हलचल हुई है। हालांकि यह बदलाव बहुत ज्यादा नहीं हैं। आने वाले दिनों में पूरी तस्वीर साफ होगी।

भूकंपों के झटके और ज्वालामुखी की आशंका को देखते हुए सरकार तैयारी कर रही है। एहतियातन 15,000 लोगों को द्वीप से निकाला जा चुका है। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। पुरुष अपने घरों में ही रुके हुए हैं। एक महिला क्रिसा पप्पस ने कहा कि पुरुष फिलहाल घरों की देखभाल के लिए रुके हैं। हम सब बहुत डरे हुए हैं। हमारा द्वीप लगातार हिल रहा है और किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा।

1956 जैसे हालात होने का डर!

ग्रीक भूकंपविज्ञानी अकिस त्सेलेपिस ने चेतावनी दी है कि 1956 के विनाशकारी भूकंप के लिए जिम्मेदार फॉल्ट लाइन फिर से सक्रिय हो गई है। 69 साल पहले आए इस भूकंप में 50 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। उन्होंने कहा कि भूकंपीय गतिविधि कम नहीं हो रही है बल्कि यह गति पकड़ रही है। आशंका है कि हम फिर से उसी परिमाण का भूकंप देख सकते हैं।