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भीलवाड़ा के मांडलगढ़ में सड़क दुर्घटना में 8 युवकों की अंत्येष्टि में कलेक्टर भी हुए शामिल, बंद रहा बड़लियावास

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भीलवाड़ा

जिले के मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बड़लियावास के 8 युवकों की गुरुवार देर शाम जयपुर के पास दूदू में हुए भीषण सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना के बाद बड़लियास सहित आसपास के गांवों में गमगीन माहौल है। बड़लियास गांव पूरी तरह से बंद रहा, जहां पांच मृतकों की अंत्येष्टि संपन्न हुई, जबकि तीन मृतकों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांवों में किया गया।

भीलवाड़ा के जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू शुक्रवार सुबह बड़लियास पहुंचे। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी और मुख्यमंत्री की ओर से शोक संवेदना प्रकट की। उन्होंने घोषणा की कि प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। बड़लियास में पांच मृतकों की अंत्येष्टि के दौरान सैकड़ों लोग शामिल हुए।

जानकारी के अनुसार मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बड़लियास और आसपास के गांवों के ये युवक महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज जा रहे थे। हादसा उस समय हुआ जब जोधपुर से आ रही एक रोडवेज बस का टायर फट गया और बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर पार करके श्रद्धालुओं की कार से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार पूरी तरह पिचक गई और उसमें सवार सभी आठ युवकों की मौके पर ही मौत हो गई।

मृतकों में रविकांत पुत्र मदनलाल, बाबू रैगर पुत्र मदनलाल, नारायण निवासी बड़लियास, दिनेश कुमार पुत्र मदनलाल रैगर, बबलू मेवाड़ा पुत्र मदन मेवाड़ा, किशन पुत्र जानकीलाल, प्रमोद सुथार पुत्र मूलचंद निवासी मुकुंदपुरिया), मुकेश कुमार शामिल थे। एक ही जगह पर
पांच चिताएं जलती देख पूरा गांव गमगीन हो गया। सैकड़ों लोगों ने अंतिम संस्कार में भाग लिया। जिला कलेक्टर ने बताया कि सरकार द्वारा आयुष्मान योजना के तहत भी मृतकों के परिजनों को सहायता दी जाएगी। वहीं ग्राम सरपंच प्रकाश रैगर ने मृतकों के परिवारों के लिए 21 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल ने इस भीषण सड़क हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। विधायक खंडेलवाल ने कहा कि वे हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हादसे के वक्त वे विधानसभा सत्र में थे, लेकिन सूचना मिलते ही तुरंत दूदू मोर्चरी पहुंचे। उन्होंने पुलिस को पंचनामा तैयार करवाने और शवों का पोस्टमार्टम कराने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। रात में सभी शवों को एंबुलेंस से उनके गांवों तक पहुंचाया गया।