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अमित शाह ने महाकुंभ में साधु-संतों के साथ गंगा में डुबकी लगाई, खरगे ने कसा तंज, डुबकी लगाने से गरीबी दूर होगी क्या

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प्रयागराज
प्रयागराज महाकुंभ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा गंगा में डुबकी लगाए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनके इस कदम पर तीखा तंज कसा है। खरगे ने सवाल उठाया कि क्या गंगा में डुबकी लगाने से युवाओं को रोजगार मिलेगा, क्या गरीबों की गरीबी दूर हो जाएगी और क्या पेट को खाना मिल पाएगा? खरगे के इस बयान ने न केवल बीजेपी नेताओं को घेर लिया है, बल्कि धार्मिक आस्थाओं और सामाजिक मुद्दों पर भी एक नया बहस छेड़ दिया है।

अमित शाह की गंगा में डुबकी
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रयागराज महाकुंभ में साधु-संतों के साथ गंगा में डुबकी लगाई। यह धार्मिक आयोजन देश भर के हिंदू श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, और इस दौरान बड़ी संख्या में लोग पवित्र स्नान करते हैं। इस अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अमित शाह के साथ थे। इसी दिन, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।

खरगे का बयान, धर्म और गरीबी पर सवाल
मल्लिकार्जुन खरगे ने मध्य प्रदेश के महू में कांग्रेस की "जय बापू, जय भीम, जय संविधान" रैली में कहा कि गंगा में डुबकी लगाने से रोजगार नहीं मिलेगा, न ही बच्चों को स्कूल भेजने की समस्या हल होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं है, लेकिन वह यह जरूर पूछना चाहते हैं कि जब तक वास्तविक सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक केवल धार्मिक क्रियाकलापों से क्या लाभ होगा? खरगे ने आगे कहा कि देश में आज भी कई लोग पेट भरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने धर्म के नाम पर किसी भी समाज में शोषण को नकारते हुए कहा, "धर्म हम सभी के साथ है, लेकिन धर्म के नाम पर अगर किसी का शोषण किया जाएगा, तो हम इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

बाबा साहब की विचारधारा पर जोर
अपने भाषण में खरगे ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की विचारधारा को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का लक्ष्य समाज में समानता स्थापित करना था, और उन्होंने इसके लिए कई कानून बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि पंडित नेहरू और महात्मा गांधी ने बाबा साहब का पूरा समर्थन किया था। खरगे ने आगे कहा, "अगर आप कुछ हासिल करना चाहते हैं, तो आपको एकजुट होकर मेहनत करनी होगी, और जब तक आप एकजुट नहीं होंगे, तब तक किसी भी समुदाय को समान अधिकार नहीं मिल सकते।"