Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

ओडिशा : नयागढ़ लिथियम के भंडार होने के संकेत, सर्वे में दौरान नयागढ़ में मिले सुराग

26
Tour And Travels

भुवनेश्वर
 भारत में इलेक्ट्रिक व्हेकिल की मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए ओडिशा इसका केंद्र बन सकता है। ओडिशा के नयागढ़ में लीथियम का एक बड़ा भंडार मिला है। ओडिशा के नयागढ़ में लिथियम के विशाल भंडार की खोज ने भूगर्भ वैज्ञानिकों को जोश से भर दिया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की इस खोज के बाद माना जा रहा है कि इससे भारत के ईवी बैटरी उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है। भारत की आयात पर निर्भरता कम हो सकती है। आगे के खोजबीन के लिए एआई और ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। भूवैज्ञानिक सर्वेक्षणों की रिपोर्ट्स में कहा है कि ओडिशा के नयागढ़ जिले में मूल्यवान लिथियम भंडार की मौजूदगी है। इससे पहले फ़रवरी 2023 में भारत के जियोलॉजिकल सर्वे (GSI) ने जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले मे लिथियम के भंडार मिलने की तस्दीक़ की थी। लीथियम को उसके रंग की वजह से सफेद सोना (व्हाइट गोल्ड) की संज्ञा दी गई है।

अभी चीन का है एकाधिकार
अभी लिथियम बैटरी के उत्पादन में चीन का एकाधिकार है। लिथियम भंडारण के मामले में भारत से आगे बोलिविया, अर्जेंटीना, अमेरिका, चिली, ऑस्ट्रेलिया और चीन हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने मूल्यवान लिथियम की मौजूदगी का निष्कर्ष दिया है। यह निष्कर्ष ऐसे वक्त पर सामने आया है जब केंद्र सरकार क्षेत्रों में राष्ट्र की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को प्राथमिकता दे रही है। जीएसआई लिथियम और तांबे जैसे मूल्यवान खनिज संसाधनों का पता लगाने के लिए ड्रोन के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग कर रहा है। मयूरभंज जिले में एक पायलट परियोजना शुरू की गई है। जो पहले से कई मूल्यवान खनिजों का घर है। मयूरभंज के बाद सरकार दक्षिणी ओडिशा में भी खनन सर्वेक्षण करने की योजना बना रही है। इसमें कंधमाल और मलकानगिरी जिलें शामिल हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के नयागढ़ में लिथियम खोजने से भारत के घरेलू इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी उत्पादन को बढ़ावा मिलने उम्मीद जगा दी है।

खनन कार्य में तकनीकी प्रगति: जीएसआई नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके ओडिशा में खनिज भंडारों का सर्वेक्षण कर रहा है. केंद्रीय खान सचिव वीएल कांता राव ने बताया कि जीएसआई ड्रोन के साथ-साथ एआई का भी उपयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि ड्रोन आधारित प्रौद्योगिकियों के उपयोग से सर्वेक्षण कार्य आसान और तेज हो गया है. राजस्थान और ओडिशा के मयूरभंज जिले में प्रायोगिक आधार पर दो परियोजनाएं शुरू की गई हैं.

ओडिशा का खनन कार्य पूरे देश के लिए आदर्श: वी.एल कांता राव ने कहा कि ओडिशा का खनन कार्य पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गया है. उन्होंने बताया कि ओडिशा देश में खनिजों का लगभग 50 प्रतिशत योगदान देता है. उन्होंने यह भी कहा कि उन जिलों में खनिज सर्वेक्षण गतिविधियां तेज की जाएंगी जहां कई सालों से खनन कार्य बंद पड़ा है.

खान मंत्रियों का सम्मेलन: केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPI) की 64वीं बैठक में वीएल कांता राव ने सहयोग को बढ़ावा देने और भूविज्ञान को आगे बढ़ाने में मंच की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने खान मंत्रालय की प्रमुख पहलों को भी रेखांकित किया, जो ‘क्रिटिकल मिनरल मिशन’ और अपतटीय खनन पर हाल की दो महत्वपूर्ण बजटीय घोषणाओं के अनुरूप हैं.

ओडिशा देश की खनन राजधानी
ओडिशा के खनन पर टिप्पणी करते हुए, खान मंत्रालय के सचिव एल. कांथा राव ने कहा कि भारत के लगभग 50% खनिजों की आपूर्ति करके ओडिशा ने देश की खनन राजधानी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। लिथियम के अलावा ओडिशा के देवगढ़, क्योंझर और मयूरभंज सहित कई जिलों में सोने के भंडार पाए जाने की खबरें मिली हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) इन खनिजों की खोज में शामिल रहा है। इस बीच भुवनेश्वर में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की प्रारंभिक बैठक शुरू हो गई है, जो कोणार्क में खनन मंत्रियों के आगामी दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के लिए मंच तैयार कर रही है।