Online News Portal for Daily Hindi News and Updates with weekly E-paper

विपक्षी सांसद ला सकते है महाभियोग, जस्टिस शेखर यादव की नौकरी पर भी संकट

14
Tour And Travels

नई दिल्ली
मुस्लिमों को लेकर विवादित टिप्पणी करने और बहुसंख्यकों के हिसाब से कानून चलने की बात कहने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव घिरते जा रहे हैं। अब विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ महाभियोग की मांग की है। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। यही नहीं कई सांसदों ने तो इसके लिए मुहिम भी शुरू दी है। इन लोगों ने जस्टिस शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस देने की मुहिम शुरू कर दी है और इसके लिए सांसदों के हस्ताक्षर लिए जा रहे हैं।

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने बुधवार को बताया कि अब तक राज्यसभा के 30 से अधिक सदस्यों के हस्ताक्षर ले लिए गए हैं और संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही इसके लिए नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर मामला है। हम संसद के इसी सत्र में महाभियोग के लिए नोटिस देंगे।’ न्यायमूर्ति यादव ने रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए विवादास्पद टिप्पणी की थी। नियम के अनुसार किसी जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 100 लोकसभा सदस्यों या 50 राज्यसभा सदस्यों की ओर से मंजूरी मिलनी चाहिए।

राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा था कि महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया जाएगा। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘कोई भी न्यायाधीश इस तरह का बयान देता है तो वह अपने पद की शपथ का उल्लंघन करता है। अगर वह पद की शपथ का उल्लंघन कर रहा है, तो उसे उस कुर्सी पर बैठने का कोई अधिकार नहीं है।’ बता दें कि जस्टिस शेखर यादव ने मुस्लिमों के लिए कठमुल्ला शब्द का प्रयोग किया था। उन्होंने एक और टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस देश में एक वर्ग को 4 शादियां करने का अधिकार नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा था कि भारत में बहुसंख्यकों के अनुसार ही कानून चलेगा।

उनका कहना था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। आप देखते हैं कि परिवार और समाज में भी बहुमत की राय को ही माना जाता है। इस लिहाज से देश में भी कानून बहुसंख्यकों के हिसाब से ही चलना चाहिए। गौरतलब है कि जस्टिस शेखर यादव की इस टिप्पणी को लेकर उन्हें घेरा जा रहा है। यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी अखबारों में छपी रिपोर्ट्स का संज्ञान लिया है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जस्टिस शेखर यादव से जुड़ी डिटेल मांगी है। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले हमारे संज्ञान में है और जांच की जा रही है।