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‘आप’ दफ्तर में इंटरव्यू को बीच में छोड़ने की वजह से ओझा पर सवाल उठाए जा रहे हैं, किरकिरी के बाद दी सफाई

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नई दिल्ली
हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए टीचर और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा एक विवाद में घिर गए हैं। 'आप' दफ्तर में इंटरव्यू को बीच में छोड़ने की वजह से ओझा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच उन्होंने ने चुप्पी तोड़ते हुए माना है कि जो कुछ हुआ वह गलत था। उन्होंने कहा है कि एक वॉलंटियर ने ऐसा किया। हालांकि, ‘अनजाने में हुई गलती’ बताकर ओझा ने बचाव भी किया।

अवध ओझा ने शुक्रवार को एक्स पर सफाई देते हुए कहा कि भाववश उससे यह गलती हो गई, इसलिए दंड देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि वह एक शिक्षक हैं और हमेशा सवालों के लिए तैयार हैं। उन्होंने लिखा, ‘वो शिक्षक ही क्या जो सवाल का जवाब ना दे। कल बीबीसी के साथ बढ़िया इंटरव्यू हुआ। उसे अवश्य देखें। दुर्भाग्यवश साक्षात्कार के दौरान हमारे एक वालंटियर ने अनजान वश पत्रकार महोदय को रोक दिया जो की बिल्कुल सही नहीं था।'

ओझा आगे लिखते हैं, 'लोग कह रहे उसे दंड दो, बर्खास्त करो। उसे दंड देना उचित नहीं हैं, क्योंकि भाववश गलती हो गई। बाकी मैं किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा तैयार हूं। शिक्षक हूं, प्रश्नों से ही मुझे ऊर्जा मिलती है। और यह मत भूलना, हमेशा ‘दोस्ती बनी रहे।’ उन्होंने अपने पोस्ट में इस इंटरव्यू का लिंक भी साझा किया है।

दरअसल, अवध ओझा ने गुरुवार को बीबीसी को यह इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ किया करते थे, क्या अब आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद भी ऐसा करना जारी रखेंगे? ओझा सहजता के साथ इस सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी की तारीफ करने में बुराई क्या है, वह उदाहरण देते हैं कि सचिन तेंदुलकर भी ब्रायन लारा की तारीफ करते थे।

ओझा अपनी बात रख ही रहे थे तभी कोई कमरे में दाखिल होता है और पत्रकार से कहता है कि आपको पहले ही कहा था ना कि 'उलटा-सीधा' सवाल नहीं करना। पत्रकार ने अवध ओझा से पूछा कि क्या उनसे कोई आपत्तिजनक सवाल किया गया है, जिस पर उन्होंने गर्दन हिलाते हुए ना में जवाब दिया। लेकिन इसके बाद भी पत्रकार को बीच में इंटरव्यू रोकने को कहा गया। इस पर ओझा कहते हैं कि वह पार्टी लाइन का पालन करेंगे, जो उनसे कहा जाएगा।

बीबीसी ने इस अधूरे इंटरव्यू को इस संदेश के साथ प्रसारित किया कि आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने इसके आगे रिकॉर्डिंग नहीं करने दी। सोशल मीडिया पर भी यह इंटरव्यू काफी वायरल हो गया। लोगों ने अवध ओझा पर सवाल दागने शुरू कर दिए तो भारतीय जनता पार्टी ने भी 'आप' के रवैये की आलोचना की।